उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का लंबी बीमारी से लड़ने के बाद शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई के आईसीयू में निधन हो गया। दिवंगत कल्याण सिंह बीती चार जुलाई से अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल के चिकित्सको द्वारा बताया गया, कि लंबी बीमारी और शरीर के कई अंगो के धीरे धीरे फेल होने के कारण 89 वर्षीय कल्याण सिंह द्वारा शनिवार साढ़े नौ बजे सदा के लिए अपनी आँखे बंद कर ली।
पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीराम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नायको में अग्रणीय कल्याण सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शोक व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक और 23 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बसपा प्रमुख मायावती एवं अखिलेश यादव समेत कई अन्य नेताओ ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपने शोक संदेश में कहा, कि दुःख की इस घड़ी में मेरे पास शब्द नहीं है। आने वाली पीढ़ियां दिवंगत कल्याण सिंह के सांस्कृतिक पुनरुत्थान को लेकर दिए गए योगदान के प्रति सदैव आभारी रहेंगे। वह समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के समाज के लोगो की आवाज थे। उनका समर्पण और सेवाभाव हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
दुख की इस घड़ी में मेरे पास शब्द नहीं हैं। कल्याण सिंह जी जमीन से जुड़े बड़े राजनेता और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व के स्वामी थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका योगदान अमिट है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति! pic.twitter.com/Z3fq49n1yE
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2021
भाजपा राजनितिक संगठन के संस्थापक सदस्यों में से एक दिवंगत कल्याण सिंह का भारतीय राजनीति में स्थान काफी ऊँचा था। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचा के विध्वंस के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह भाजपा के शीर्ष नेताओं में से एक माने जाते थे।
— रामलाल (@Ramlal) August 21, 2021