विदेशों में रहने वाले भारतीयों को अक्सर नस्लीय भेदभाव का शिकार होना पड़ता है, लेकिन अब हिंदू धर्म से संबंधित होने की वजह से ऑस्ट्रेलिया के एनएसडब्ल्यू विश्वविद्यालय (University of NSW- UNSW) में भारतीय हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव और प्रताड़ित करने की खबर सामने आ रही है। बीते दो सप्ताहों से उत्पीड़न के शिकार भारतीय छात्रों ने आखिरकार विश्वविद्यालय से काउंसलिंग की अपील की है। वहीं, इस घटना के संबंध में विश्वविद्यालय ने कहा, कि उसके कैंपस में धार्मिक उत्पीड़न अस्वीकार्य है।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, UNSW हिंदू सोसाइटी के सदस्यों ने नब्बे के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन पर केंद्रित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग का आयोजन सुझाव दिया था। कश्मीर घाटी के हिंदुओं पर हुए अमानवीय अत्याचार के पीछे की सच्चाई पर चर्चा के लिए हिंदू सोसाइटी ने बीते 9 जून को विश्वविद्यालय के कोलंबो थिएटर में फिल्म की स्क्रीनिंग कराने के लिए मतदान किया था।
Indian-Australian students allegedly bullied, harassed and intimidated at the University of NSW @UNSW @HCICanberra https://t.co/feP6w84KTk via @theaustoday
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) June 17, 2022
बताया जा रहा है, कि इसके बाद से फिल्म के प्रदर्शन को लेकर मुस्लिम स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा हिंदू छात्रों को लगातार धमकाया और परेशान किया जा रहा है। ‘द कश्मीर फाइल’ फिल्म का मुस्लिम सोसाइटी ने जमकर विरोध किया। हिंदू सोसाइटी ने इसका समाधान निकालने का भी प्रयास और दोनों सोसाइटी ने 7 जून को इस विषय पर जूम ऐप पर मीटिंग भी की। इस मीटिंग में फिल्म की स्क्रीनिंग का आयोजन करने पर मुस्लिम सोसाइटी ने हिंदुओं को बुरी तरह से धमकाया, जिसे रिकॉर्ड कर लिया गया है।
जूम मीटिंग के दौरान UNSWMSA के प्रवक्ता उस्मान महमूद ने हिंदू छात्रों को धमकाने और भयभीत करने के लिए मजहबी नेताओं, पत्रकारों और राजनेताओं के नाम का उल्लेख किया। और सांकेतिक तौर पर हिंदुओं को फिल्म की स्क्रीनिंग करने पर भयंकर परिमाण भुगतने की चेतावनी भी दी। महमूद ने जूम मींटिंग के दौरान कहा, अगर आप लोग (हिंदू) इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकते हो, तो मुस्लिम समुदाय और दुनिया के मुस्लिम समाज की ओर से इसकी सराहना की जाएगी। और अगर हमारी बात नहीं मानी जाती है, तो इसके खिलाफ करवाई की जाएगी और ये एक्शन कोई प्यारा सा एक्शन नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महमूद ने हिंदू समुदाय को धमकी देने और डराने के लिए ऑस्ट्रेलिया के ग्रीन्स पार्टी के सीनेटर महरीन फारुकी, पत्रकार मुस्तफा रचवानी, ऑस्ट्रेलिया के ग्रैंड मुफ्ती अबू मोहम्मद, एबीसी न्यूज (एशिया पैसिफिक के चीफ ऑफ स्टाफ) के मोसिकी आचार्य, ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय इमाम परिषद के शेख विसम, यूनाइटेड मुस्लिम एसोसिएशन के शेख उमर अल-ग़ज़ के नाम का उल्लेख किया है। महमूद ने कहा, कि इस मामले में सब उसका समर्थन करेंगे।
उल्लेखनीय है, कि नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कश्मीरी हिंदू छात्र ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को जानकारी दी, कि नब्बे के दशक में जब कश्मीर घाटी में हिंदुओं का नरसंहार और जबरन पलायन हुआ था, तब उनके परिजनों ने किस प्रकार की असहनीय पीड़ा को झेला होगा। उनके माता-पिता और दादा दादी ने कैसा महसूस किया होगा। कश्मीरी छात्र ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया, उस रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना को सुनकर वो आज भी रात को डरकर नींद से जाग जाता है। कश्मीरी हिंदू छात्र ने कहा, कि उस दौर में उसकी माँ के दो रिश्तेदारों का कत्ल कर दिया गया था, और वह कश्मीर की अंतहीन दर्दनाक कहानियों को सुन-सुनकर बड़ा हुआ है।