इंग्लैंड के स्विंडन इलाके में स्थित सनातन आस्था के प्रतीक एकमात्र हिंदू मंदिर को “एक बाद एक” लगातार निशाना बनाकर हमला किया जा रहा है। बीते मई के बाद हमलावरों ने पाँचवी बार हिन्दू मंदिर को निशाना बनाते हुए इस बार सम्पूर्ण मंदिर को तहस नहस करने के साथ ही मंदिर में मौजूद वस्तुओं को उलट – पलट करने के अलावा दान पेटी से रखे हजारों पाउंड की धनराशि को भी लूट कर ले गए। हिन्दू मंदिर में तोड़ – फोड़ और लूट की घटना के बाद पुलिस घटना की जाँच कर रही है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिन्दू मंदिर में तोड़ – फोड़ और लूट की घटना की मंगलवार से शनिवार के बीच की घटने की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय पुलिस के हाथ इस मामले में अभी भी खाली है, और पुलिस इस घटना से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए स्थानीय लोगों से मदद मांग रही है। मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रदीप भारद्वाज ने हिन्दू मंदिर में हुई लूट और तोड़ फोड़ की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा, कि इस तरह की घटना का घटित होना सभी हिंदुओं के लिए बेहद चिंताजनक और संवेदनशील विषय है।
'"Everyone is very upset, emotions are very high. People are now sleeping overnight at the temple to safeguard the deities ourselves."'https://t.co/SDWjTYTy35
— Dave Ellis (@DaveEllis95) September 6, 2021
हिन्दू मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रदीप भारद्वाज ने बताया, कि मंदिर की दान पेटी से हजारों पाउंड्स ले जाने के साथ ही हमलावर कुछ महत्वपूर्ण कलाकृतियाँ को भी लूट कर ले गए है। प्रदीप भारद्वाज ने इस घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा, कि दुःख हजारो पाउंड्स चोरी होने का नहीं है, किन्तु जिस प्रकार हिन्दुओ की धार्मिक भावनाओ को चोट पहुंचाने के लिए हिन्दू देवी – देवताओं की मूर्तियो को खंडित किया गया, उस कारण स्थानीय हिन्दू समाज में बहुत आक्रोश है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रदीप भारद्वाज ने बताया, कि इस पूरे क्षेत्र में यही एकमात्र हिंदू मंदिर है। कोरोना संक्रमान काल के कारण यह हिन्दू मंदिर पिछले 18 महीनों से अधिक वक्त से बंद था। यहाँ के स्थानीय हिन्दू समाज आगामी माह से प्रारंभ होने वाले मुख्य हिंदू त्योहार की वजह से अपनी धार्मिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के लिए पूरे उत्साह के साथ जुटा हुआ था, किन्तु अधर्मियों ने इस प्रकार की घटना को अंजाम देकर हिन्दू धर्म की आस्था को चोट पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा, कि शीघ्र ही मंदिर को उसके पुराने स्वरुप में स्थापित किया जायेगा।