भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के तख्तापलट के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए है। खुफिया विभाग ने इनपुट दिया था, कि भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर एकत्रित बांग्लादेशी नागरिक भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर सकते है। उत्तर बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल ने सूचना मिलने पर बीते बुधवार (7 अगस्त 2024) को ऐसी कई कोशिशों को नाकाम कर दिया।
उत्तर बंगाल फ्रंटियर BSF ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी, “बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने आज भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बांग्लादेशी नागरिकों की भीड़ को प्रभावी ढंग से रोका। सतर्कता और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) के साथ समन्वय किया और उन्होंने इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी भी सीमा उल्लंघन को रोका।”
The BSF North Bengal Frontier effectively managed gatherings of Bangladeshi Nationals near the Indo-Bangladesh border today. With vigilance and coordination with BGB, they ensured safety and prevented any border breaches. #BorderSecurity #BSF #IndiasFirstLineOfDefence pic.twitter.com/m12K1pUydc
— NORTH BENGAL FRONTIER BSF (@BSFNBFTR) August 7, 2024
हालाँकि, भारत-बांग्लादेश सीमा पर डटे ग्रामीणों ने वापस बांग्लादेश लौटने से इंकार कर दिया, क्योंकि भीड़ आवामी लीग के सदस्यों और हिंदुओं की तलाश कर रही थी। बांग्लादेश से जान बचाकर भागे लोग दोनों मुल्कों के बीच स्थित नो-मैन्स लैंड में ही रुके रहे। सीमा का वह हिस्सा बिना बाड़ का है, इसलिए बीएसएफ को उन्हें भारत से बाहर रखने के लिए एक मानव अवरोध बनाना पड़ा।
बीएसएफ के डीआईजी (उत्तर बंगाल फ्रंटियर) अमित त्यागी ने बताया, “गाँव वाले अभी भी वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा से 200 मीटर से 500 मीटर की दूरी पर हैं।” करीब 600 बांग्लादेशी उत्तरी बंगाल में जलपाईगुड़ी के पास नो-मैन्स लैंड छोड़ने से इनकार कर रहे है और भारत में प्रवेश की माँग कर रहे है। BSF और BGB, दोनों उन्हें वापस जाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वे मना कर रहे है।
बता दें, कि मंगलवार (6 अगस्त 2024) की रात को आवामी लीग के पूर्व सांसद कमरुल अरेफिन, उनकी पत्नी और दो बेटियों ने पेट्रापोल-बेनापोल सीमा क्रॉसिंग पर बिना वैध वीजा के अवैध तौर पर भारतीय सीमा में प्रवेश करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने मुल्क में जान का खतरा बताते हुए भारत में प्रवेश की मंजूरी मांगी थी, हालांकि बीएसएफ ने उन्हें रोक दिया और वापस बांग्लादेश भेज दिया।
गौरतलब है, कि बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट के बाद हर जगह अराजकता का माहौल बना हुआ है। खबरें आ रही है, कि हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू मंदिर तोड़े जा रहे है, घर-दुकानों को जलाया जा रहा है और महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों के बीच यह संभावना जताई गई थी, कि अल्पसंख्यक भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे, हालांकि बीएसएफ ने उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में इसे विफल कर दिया।