केंद्र की मोदी सरकार ने अपने ऐतिहासिक निर्णय में देश के 81.35 करोड़ नागरिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत अगले साल दिसंबर तक निशुल्क अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन प्रणाली में सस्ती दरों पर उपभोक्ताओं को बांटे जाने वाले अनाज के लिए अब कार्ड धारकों को कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते कहा, कि इस योजना के अंतर्गत जिन लोगों को अनाज दिया जाएगा, उन्हें एक रुपए भी भुगतान करने की जरूरत नहीं है। मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का पूरा भार केंद्र सरकार वहन करेगा। इसके लिए सालाना 2 लाख करोड़ रुपए की लागत आएगी।
More than 80 crore people will now get free foodgrains under National Food Security Act. They will not have to pay a single rupee to get food grains til Dec 2023. Govt will spend around Rs 2 lakh crores per year on this: Union Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/ze89jBIB6u
— ANI (@ANI) December 23, 2022
जानकारी के लिए बता दें, कि कोरोना आपदाकाल के दौरान नागरिकों की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पिछले 28 महीने से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सभी कार्ड धारकों को एनएफएसए में मिलने वाले अनाज के अतिरिक्त हर महीने 5 किलोग्राम खाद्यान्न निशुल्क उपलब्ध कराती है। इस योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 थी।
उल्लेखनीय है, कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद अब किसी उपभोक्ता से राशन प्रणाली के अनाज का कोई मूल्य नहीं लिया जायेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक सामान्य उपभोक्ता को हर महीने पांच किलो की दर से अनाज बांटा जाता है। वहीं अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत ऐसे परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम अनाज मिलता है।