मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्य के हिंदू मंदिरों को लेकर किए गए अपने वादे को निभाते हुए मंदिरो को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर दिया है। उल्लेखनीय है, कि सीएम शिवराज चौहान ने अप्रैल 2023 में घोषणा की थी, कि मंदिरों की गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा, और लगभग एक महीने बाद कैबिनेट ने उनके इन फैसलों पर मुहर लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए बुधवार (17 मई, 2023) को जानकारी दी, कि ऐसे मंदिर जिनके प्रबंधन का दायित्व सरकार के जिम्मे है, वहाँ 10 एकड़ तक की कृषि क्षेत्र वाली भूमि से होने वाली आय पुजारियों की होगी, जबकि बाकी जमीनों को कृषि के लिए नीलाम किया जाएगा और उनसे होने वाली आय को मंदिर के बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार हिंदू मंदिरों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष पुजारियों को बढ़ा हुआ मानदेय देने के निर्देश जारी किए गए थे। जिन मंदिरों अथवा पुजारियों के पास कृषि योग्य भूमि नहीं है, उन्हें 5000 रुपए का मासिक भत्ता दिया जा रहा है। वहीं जिन मंदिरों या पुजारियों के पास 5 एकड़ कृषि भूमि है, उन्हें भी ढाई हजार रुपए प्रत्येक माह दिए जायेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार ने निर्धन पुजारियों के जीवन-यापन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के साथ ही मंदिर की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए भी अभियान शुरू करने का संकल्प लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके साथ ही मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने कई अन्य अहम निर्णय भी लिए है।
हमने फैसला किया है कि मंदिरों की गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। मंदिर की जमीनों को नीलाम कलेक्टर नहीं बल्कि पुजारी कर सकेंगे।
निजी मंदिरों के पुजारियों को भी सम्मानजनक मानदेय देने की व्यवस्था की जाएगी। pic.twitter.com/QiMMREi6MI
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 22, 2023
राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना’ के अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं को प्रत्येक महीने 1000 रुपए दिए जाने के लिए बजट का आवंटन भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी, कि ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ के तहत युवा रोजगारपरक शिक्षा के साथ में ₹8 हजार से ₹10 हजार तक प्रतिमाह अर्जित कर सकेंगे। उन्होंने कहा, कि बेरोजगारी भत्ता के स्थान पर स्किल डेवलपमेंट करने और उसके बदले पैसे देने पर जोर दिया जायेगा।