डीपफेक तकनीक धीरे-धीरे दुनिया के लिए बड़ी आफत बनती जा रही है। इसका दुरुपयोग करके कई चर्चित हस्तियों को शिकार बनाया जा चुका है, लेकिन इस बार एक कंपनी को निशाना बनाकर करोड़ो की वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। ये घटना हॉन्गकॉन्ग में हुई है। वहाँ डीपफेक कॉल के जरिये एक मल्टीनेशनल कंपनी को 212 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीपफेक का इस्तेमाल कर ठगी करने वाले ने कंपनी का चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) की तस्वीर का इस्तेमाल करके ऑफिस कर्मचारी को कॉन्फ्रेंस कॉल की और उसे पैसे ट्रांसफर करने को कहा। कर्मचारी ने भी वीडियो कॉल पर अपने सीएफओ को देख 2 फरवरी को इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी।
इस ठगी के खुलासे के बाद कंपनी के स्टाफ ने पुलिस को जानकारी दी, कि पैसों की माँग के लिए एक ईमेल जनवरी में आया था, लेकिन उस वक्त उन लोगों ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। सीएफओ द्वारा आई कॉल से उन्होंने अनुमान लगाया, कि उसमें सभी लोग कंपनी के होंगे। कर्मचारियों का ये भी कहना है, कि कॉल पर जो लोग दिखाई दे रहे थे, वो उनमें से कइयों के चेहरे जानता था, इसलिए उसने आसानी से विश्वास कर लिया।
कर्मचारियों ने पुलिस को बताया, कि वीडियो कॉल पर उससे उसका परिचय माँगा गया, जैसे सामान्य तौर पर कोई सीनियर माँगता है। इसके बाद डीपफेक करने वाले फ्रॉड से एक हफ्ता ये सोचकर बात चली, कि वो कंपनी के सीएफओ हैं। इस दौरान कर्मचारी से 200 मिलियन हॉन्गकॉन्ग डॉलर (25.6 मिलियन डॉलर/ 2 अरब 12 करोड़ 32 लाख 38 हजार रुपए) के 15 ट्रांजैक्शन करवाए गए।
इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर किये जाने के सम्बन्ध में जब हेडक्वार्टर ने कर्मचारियों से संपर्क साधा, तब इस बात का खुलासा हुआ, कि किस प्रकार कर्मचारियों को डीपफेक कॉल आई थी, जिसने सीएफओ के चेहरे का इस्तेमाल करके उससे पैसे माँग लिए। इस घोटाले का खुलासा करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया है, कि तमाम लोगों के चेहरे लगाकर वीडियो कॉन्फ्रेंस हुई थी, लेकिन वो सब डीपफेक थे। उन्होंने कर्मचारी को अपनी बातों में फँसाकर कंपनी के पैसे लूट लिए।
पुलिस ने बताया, कि मामला सामने आने के बाद हांगकांग पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ऐसी कई घटनाओं के बीच, अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया गया, कि इस फर्जी वीडियो कॉल में सिर्फ पीड़ित ही वास्तव में था, बाकी सभी मौजूद लोग डीपफेक थे। पुलिस ने इस मामले को हांकांग में अपनी तरह का पहला मामला बताया है। पुलिस ने कंपनी का नाम उजागर नहीं किया है।