अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने अपने एक बयान में कहा है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून महीने में होने वाली अमेरिका यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए नए मानदंड स्थापित करेगी। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर चार दिवसीय यात्रा पर 21 जून को अमेरिका पहुंचेंगे। बाइडन दंपति 22 जून को पीएम मोदी की राजकीय भोज पर मेजबानी करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने बीते गुरुवार (8 जून 2023) को ‘सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी’ में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘जब प्रधानमंत्री मोदी इस महीने के अंतिम में राजकीय यात्रा के लिए वाशिंगटन आएंगे, तो मुझे लगता है कि यह दोनों देशों के संबंधों में नए मानदंड स्थापित करने वाली ऐतिहासिक यात्रा साबित होगी।’
रैटनर ने कहा, ‘मुझे लगता है, कि इस यात्रा को उसी प्रकार से देखा जाएगा, जैसे इस वर्ष की शुरुआत में जापान के साथ ‘टू प्लस टू’ वार्ता को संबंधो में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा गया। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को अमेरिका-भारत संबंधों में एक वास्तविक छलांग के रूप में देखेंगे।’ उन्होंने कहा, कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कई द्विपक्षीय मुद्दों को आगे बढ़ाने और अहम समझौतों एवं योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री की वाशिंगटन यात्रा की जमीन तैयार करने के लिए कुछ समय पहले भारत का दौरा किया था।
हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा सचिव रैटनर ने कहा, कि रक्षा से संबंधित मामलों में अमेरिका और भारत के बीच सह-विकास और सह-उत्पादन के मुद्दे को लेकर स्पष्ट रणनीतिक योजनाएं कायम करना इस यात्रा की प्राथमिकता होगी। भारत के स्वदेशी रक्षा औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ सैन्य आधुनिकीकरण को गति देना प्रधानमंत्री मोदी के लिए प्राथमिकता रही है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल ने इस वर्ष जनवरी में उभरती हुई प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य अमेरिका और भारत के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देना है और रक्षा क्षेत्र इस पहल का एक बहुत मजबूत स्तंभ है, जिस पर दोनों देश आगे बढ़ना चाहते है।