भारत ने अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक को तैयार कर लिया है। शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इससे संबंधित एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में भारत की पहली हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक को दिखाया गया है और बताया गया है, कि ट्रैक का 410 मीटर तक का काम पूरा हो गया है।
उल्लेखनीय है, कि तेज गति वाली परिवहन प्रणाली के लिहाज से यह भारत का बड़ा कदम साबित हो सकता है। 410 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक आईआईटी मद्रास के परिसर में बनाया गया है। हाइपरलूप ट्रेन की टॉप स्पीड 1100 किमी प्रति घंटे प्रस्तावित की गई है, इसकी मदद से एक बार में लगभग 24-28 यात्री हाइपरलूप में एक साथ सफर कर सकेंगे। हालांकि, यह ट्रेन सीधे मंजिल पर पहुंचाएगी और अन्य ट्रेनों की तरह बीच में या फिर किसी स्टेशन पर नहीं रुकेगी।
Watch: Bharat’s first Hyperloop test track (410 meters) completed.
👍 Team Railways, IIT-Madras’ Avishkar Hyperloop team and TuTr (incubated startup)
📍At IIT-M discovery campus, Thaiyur pic.twitter.com/jjMxkTdvAd
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 5, 2024
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हाइपरलूप एक अत्याधुनिक हाई-स्पीड ट्रेन है, जो ट्यूब में वैक्यूम के सहारे चलती है। यह तकनीक एलन मस्क द्वारा प्रस्तावित है। हाइपरलूप ट्रेन की अधिकतम गति एक हजार किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा सकती है। इस हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक पर अभी 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से परीक्षण किया गया है, जबकि इसे आगे बढ़ाकर 600 किलोमीटर से लेकर 1,100 किलोमीटर प्रतिघंटे तक ले जाने की योजना है।
अगर सब कुछ सही रहा और भारत में हाइपरलूप ट्रेनों की शुरुआत होती है, तो इससे देश में रेलवे परिवहन का ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा। हालांकि अभी ये तकनीक अपने शुरूआती चरण में है और इस दिशा में अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। बता दें, कि पहले वर्जिन हाइपरलूप का परीक्षण 9 नवंबर, 2020 को अमेरिका के लास वेगास शहर में 161 किलोमीटर प्रतिघंटे के साथ 500 मीटर ट्रैक पर हुआ था।