भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल द्वारा आईआईटी को बतौर गुरु दक्षिणा 100 करोड़ का दान देकर एक मिसाल पेश की है। आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने बताया, कि यह अब तक सबसे बड़ा व्यक्तिगत दान है। इसका उपयोग आईआईटी कैंपस में बनने वाले स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी के निर्माण में किया जाएगा।
We are grateful to Mr Rakesh Gangwal, Mrs Shobha Gangwal and his daughter Ms Parul Gangwal who could take time and be present in person for the agreement signing in Mumbai today. @DoRA_IITK @IITKanpur @paniitindia pic.twitter.com/b0Umzdvv7E
— Abhay Karandikar (@karandi65) April 4, 2022
आईआईटी कानपुर को 100 करोड़ का दान देकर सुर्खियों में आए राकेश गंगवाल एक ख्याति प्राप्त भारतीय-अमेरिकी कारोबारी है। इंडिगो की पैतृक कंपनी इंटर ग्लोब एविएशन के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल के परिवार के पास कंपनी की तकरीबन 37 फीसदी हिस्सेदारी है। 1953 में जन्मे राकेश गंगवाल की स्कूली शिक्षा डॉन बॉस्को (पार्क सर्कस) स्कूल, कोलकाता से हुई। इसके बाद उन्होंने 1975 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने अमेरिका का रुख किया और वहां के प्रसिद्ध पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया।
आईआईटियन गंगवाल अस्सी के दशक में एयरलाइंस इंडस्ट्री के क्षेत्र में एक नया सफर शुरू किया। इस दौरान वह बूज एलन और हैमिल्टन इंक के साथ एक पार्टनर थे। इसके बाद वे यूनाइटेड एयरलाइंस में शामिल हो गए, जहां उन्होंने मैनेजर, स्ट्रेटेजिक प्लानर के तौर पर काम किया। इसके बाद राकेश गंगवाल यूनाइटेड एयरलाइंस के निदेशक भी रहे और उन्होंने 1998 से 2001 के बीच यूएस एयरवेज ग्रुप में अपनी सेवाएं दी। राकेश गंगवाल ने 2003 से 2007 तक वर्ल्डस्पैन टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी संभाली थी।
एक लंबे अनुभव के बाद वर्ष 2006 में राकेश गंगवाल ने अपने एक कारोबारी मित्र राहुल भाटिया के साथ मिलकर एक विमान के साथ इंडिगो एयरलाइंस की स्थापना की थी। हालांकि, 2009 में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के विषय पर दोनों सहयोगी के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे। इसके बाद शुरुआती कुछ सालों के बाद उन्होंने गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक के रूप में बोर्ड से त्यागपत्र दे दिया था।