अयोध्या में राममंदिर निर्माण के साथ रामलला की प्रतिमा निर्माण का कार्य भी उसी प्रगति के साथ हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राममंदिर निर्माण के साथ रामलला की मूर्ति निर्माण का कार्य भी तेज कर दिया है। राममंदिर में रामलला के दो विग्रह स्थापित किए जाएंगे। एक विग्रह की स्थापना चल मूर्ति के रूप में तो दूसरे विग्रह की स्थापना अचल मूर्ति के रूप में होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विराजमान रामलला चल मूर्ति के रूप में पूजित-प्रतिष्ठित होंगे जबकि अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। इसका निर्माण कार्य चल रहा है, जो इसी माह पूरा हो जाएगा। रामलला की अचल मूर्ति रामसेवकपुरम में तैयार हो रही है। कर्नाटक व राजस्थान के तीन मूर्तिकार तीन मूर्तियां बना रहे हैं। इनमें से सर्वोत्तम को भूतल यानि गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा। शेष दोनों मूर्तियां प्रथम तल व द्वितीय तल में स्थापित किए जाने की योजना है।
#WATCH | General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Champat Rai says, "An idol of lord Ram's five-year-old form is being made. It measures 4 feet 3 inches. It is being made of stones. It will be ready in November. It is being made in Ayodhya… 'Pran Pratishtha'… pic.twitter.com/0KY0xYfsVY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 9, 2023
रिपोर्ट्स के अनुसार, अचल मूर्ति की ऊंचाई 52 इंच होगी। फाउंडेशन समेत मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट हो जाएगी। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने मीडिया को जानकारी दी है, कि बाल्य अवस्था में होने के बाद भी धनुष रामलला की पहचान है। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से तैयार कर लगाया जाएगा। उन्होंने बताया, कि ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा, कि प्रत्येक रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसे संबंध में वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट रहेगी, ताकि तकनीकी रूप से रामलला का सूर्य रश्मियों से अभिषेक हो सके। इसके साथ ही राममंदिर निर्माण कार्य की गति भी बढ़ा दी गई है। 3500 मजदूर तीन शिफ्टों में राममंदिर को आकार देने में जुटे है।
राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया, कि निर्माण की दृष्टि से भूतल का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है और प्रथम तल का निर्माण भी 70 प्रतिशत तक हो चुका है। 15 नवंबर तक प्रथम तल भी पूर्ण कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया, कि भूतल के स्तंभों में मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है। रंगमंडप, नृत्य मंडप व गूढ़ मंडप आकार ले चुका है। मंदिर में पांच मंडप बनाए जाने है।
Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra shares photos of Shri Ram Janmabhoomi Mandir – Sinh Dwar, carvings in Nritya Mandap and on the floor.
(Pics: Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra) pic.twitter.com/XjKNrBRizx
— ANI (@ANI) October 9, 2023
वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया, कि 5 फरवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 तक मंदिर निर्माण व अन्य योजनाओं में अब तक 900 करोड़ खर्च किए जा चुके है। 2021 में चलाए गए निधि समर्पण अभियान में 3500 करोड़ का दान रामभक्तों द्वारा दिया गया। इस धनराशि में से अभी भी तीन हजार करोड़ रुपये बैंक में जमा है। जो भी खर्चे हो रहे है, वह प्रतिदिन आने वाले दान से किए जा रहे है।
उन्होंने बताया, कि प्राणप्रतिष्ठा समारोह के लिए उदया चौराहे के पास भी एक टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने उन्हें जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा है। समारोह में आने वाले भक्तों के लिए विभिन्न स्थानों पर लंगर का आयोजन किया जायेगा। 25 हजार भक्तों के रहने-खाने व उपचार की व्यवस्था प्रतिदिन की जाएगी।
उल्लेखनीय है, कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में बीते रविवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान पर मंथन किया गया। इस बैठक में तय हुआ है, कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा रामानंदीय परंपरा के अनुरूप होगी। जल्द ही समिति में शामिल रामनगरी के संतों के साथ इसको लेकर बैठक की जाएगी।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में शामिल होने पहुंचे जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया ,कि प्राणप्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। पीएमओ से उनके आगमन की तिथि अभी नहीं बताई गई है। 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा के सवाल पर कहा, कि इस दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थसिद्ध योग है, जो सबसे शुभ मुहूर्त है।