प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (27 अगस्त 2022) को अहमदाबाद स्थित साबरमती तट पर ‘खादी उत्सव’ को संबोधित कर अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे की शुरुआत की। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी स्वयं भी अल्प अवधि के लिए चरखे पर सूत कातते नजर आए। उल्लेखनीय है, कि शनिवार सांय साबरमती तट पर आयोजित किये जा रहे खादी उत्सव में गुजरात के विभिन्न जनपदों की 7,500 महिला खादी कारीगरों ने एक ही वक्त पर चरखा चलाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट में ‘खादी उत्सव’ को सम्बोधित करते हुए कहा, कि उन्हें विश्वास है, कि यहाँ उपस्थित सभी लोग और इस आयोजन को देख रहे, सभी लोग आज यहां ‘खादी उत्सव’ की ऊर्जा को महसूस कर रहे होंगे। पीएम मोदी ने कहा, कि आजादी के अमृत महोत्सव में राष्ट्र ने आज ‘खादी उत्सव’ आयोजित करके अपने स्वतंत्रता सेनानियों को बेहद सुंदर उपहार दिया है।
मुझे विश्वास है कि यहां मौजूद सभी लोग, इस आयोजन को देख रहे सभी लोग आज यहां 'खादी उत्सव' की ऊर्जा को महसूस कर रहे होंगे।
आजादी के अमृत महोत्सव में देश ने आज 'खादी उत्सव' करके अपने स्वतंत्रता सेनानियों को बहुत सुंदर उपहार दिया है।
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अहमदाबाद में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कि स्वतंत्रता के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधीजी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को स्वतंत्रता के बाद हीन-भावना से भर दिया गया, और इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया। खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी। पीएम मोदी ने कहा, कि इतिहास साक्षी है, कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया।
इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया।
खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है।
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पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन के दौरान देशवासियों से अपील करते हुए कहा, कि त्योहारों पर खादी ग्रामोद्योग के उत्पाद ही उपहार में देने का प्रयास करें। पीएम मोदी ने कहा, कि खादी (sustainable clothing) का उदाहरण है, साथ ही खादी (Eco-Friendly Clothing) का उदाहरण भी है। इसके अलावा खादी से कार्बन फुटप्रिंट कम से कम होता है। उन्होंने कहा, कि ऐसे बहुत सारे देश है, जहां तापमान अधिक रहता है, वहां खादी सेहत के नजरिये से भी बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए खादी ग्लोबल स्तर पर बहुत अहम भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि साबरमती का ये तट आज धन्य हो गया है, क्योंकि स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 7500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर नया इतिहास रच दिया है। ये मेरा सौभाग्य है, कि मुझे भी कुछ पल सूत कातने को मिले। पीएम मोदी ने जानकारी दी, कि उनकी सरकार ने ना सिर्फ खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन में खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का संकल्प जोड़ा है, बल्कि गुजरात की सफलता के अनुभवों का देश भर में विस्तार करना शुरू किया।
I'm happy that this soil of Gujarat has given Khadi a new lease on life. To improve the condition of Khadi, in 2003, we pledged 'Khadi for Nation' and 'Khadi for Fashion'.
– PM @narendramodi pic.twitter.com/4Yaa5zeoIB
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पीएम मोदी ने जानकारी दी, कि आज ही गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का नया भवन और साबरमती नदी पर भव्य अटल ब्रिज का भी लोकार्पण हुआ है। बता दें, ‘खादी उत्सव’ कार्यक्रम में 1920 के बाद से उपयोग किए गए 22 चरखों को प्रदर्शित करके ‘चरखों’ की विकास यात्रा पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। प्रदर्शनी में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उपयोग किए गए ‘यरवदा चरखा’ के साथ अन्य चरखे प्रदर्शित किए गए, जो आज की प्रौद्योगिकी और नवाचार पर आधारित है।