महाराष्ट्र के पुणे में कार हादसे में दो निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। नशे में दो घरों के चिराग बुझाने वाले अमीर बिल्डर की नाबालिग औलाद फिलहाल पुलिस हिरासत में है। इसी बीच आरोपित लड़के ने स्वीकार कर लिया है, कि उसने शराब पीकर ड्राइविंग की थी। नाबालिग आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया है, कि हादसे के वक्त क्या हुआ, उसे कुछ भी याद नहीं, क्योंकि उस समय वह शराब के नशे में धुत्त होकर गाड़ी चला रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है, करीब एक घंटे से अधिक वक्त तक चली पूछताछ के दौरान (सुबह 11:30 से दोपहर 12:30 बजे) नाबालिग आरोपित ने पुणे पुलिस को बताया था, कि दुर्घटना के समय वह नशे में था, इसलिए उसे कुछ भी याद नहीं है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कि आरोपित लड़के से पूछताछ उसकी माँ की उपस्थिति में की गई थी। बता दें, कि लड़के की माँ को भी पुलिस ने 1 जून को गिरफ्तार किया था। आरोप है, कि एक्सीडेंट के ठीक बाद अस्पातल में लड़के के ब्लड सैंपल को उसकी माँ के सैंपल से ही बदला गया था।
इस केस के जाँच अधिकारियों का कहना है, कि उन्होंने लड़के से बार-बार पूछताछ की, लेकिन वो हर बार यही कहता रहा, कि उसे कुछ याद नहीं है। अधिकारियों ने उससे पोर्श कार की ड्राइविंग, सबूतों से छेड़छाड़, मेडिकल टेस्ट आदि को लेकर सवाल किए लेकिन वो कहता रहा उसे कुछ याद नहीं हैं।
बता दें, कि इस मामले में पुलिस अब तक कई गिरफ्तारी कर चुकी हैं। नाबालिग आरोपित के माता-पिता सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार हैं और साथ ही उसके दादा को भी अरेस्ट किया गया है, क्योंकि उन्होंने ड्राइवर को बंधक बनाकर उसे धमकाया था, कि वो इल्जाम कबूल कर ले। वहीं लड़के की माँ शिवानी अग्रवाल ने बताया है, कि खून का सैंपल बदलने का आइडिया उन्हें सूसन अस्पताल के डॉक्टर ने ही दिया था।
गौरतलब है, कि आरोपित किशोर के नाबालिग होने के आधार पर उसे बाल सुधार गृह में रखा गया है। हालाँकि पुलिस के अनुरोध पर किशोर न्याय बोर्ड ने उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। बता दें, कि हादसे के बाद एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी, जिसमें किशोर को अपने साथियों के साथ पब में शराब पीते देखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नाबालिग ने सिर्फ एक घंटे में 48 हजार रुपये खर्च किए थे।