शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भाग लेने इस्लामाबाद पहुँचे भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, कि अगर आतंकी घटनाएं जारी रहेंगी तो फिर व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। बता दें, कि पिछले करीब 9 सालों में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है। पिछले कई सालों से दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे और आतंकवाद को लेकर संबंध बेहद तनावपूर्ण रहे हैं।
एससीओ परिषद की 23वीं बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन को धोकर रख दिया है। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने पाकिस्तान-चीन के चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट के कारण भारतीय संप्रभुता के उल्लंघन का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते।
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर विदेश मंत्री ने कहा, कि सभी देशों को एक दूसरे की सीमाओं का सम्मान करने की जरूरत है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने SCO बैठक की शुरुआत करते हुए कहा, कि पाकिस्तान शांति, सुरक्षा और सामाजिक, आर्थिक तरक्की चाहता है। उन्होंने कहा, कि आतंकवाद के साथ व्यापार नहीं हो सकता। सीमा का सम्मान करना ही होगा।
Delivered 🇮🇳’s national statement at the SCO Council of Heads of Government meeting today morning in Islamabad.
SCO needs to be able and adept at responding to challenges facing us in a turbulent world. In this context, highlighted that:
➡️ SCO’s primary goal of combatting… pic.twitter.com/oC2wHsWWHD
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 16, 2024
शंघाई सहयोग संगठन के मंच पर दिए अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, कि ‘हम ऐसे समय मिल रहे हैं, जब दुनिया संकटों से गुजर रही है। विश्व में दो बड़े संघर्ष चल रहे हैं और उनका पूरे विश्व पर नकारात्मक असर हो रहा है। कोरोना महामारी ने कई विकासशील देशों को बुरी तरह प्रभावित किया। विदेश मंत्री ने एससीओ देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने, विश्वास, दोस्ती और अच्छे पड़ोसी बनने की अपील करते हुए कहा, कि एससीओ संगठन के सामने आतंकवाद, अलगावाद और कट्टरपंथ से लड़ने की साझा चुनौती है।
पाकिस्तान की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, कि अगर आपसी विश्वास में कमी आई है या फिर पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। अगर दोस्ती में गिरावट आई है और अच्छे पड़ोसी की कमी महसूस हो रही है तो इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण करना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा, “इसके लिए ईमानदार बातचीत, विश्वास, अच्छे पड़ोसी और एससीओ चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। एससीओ को ‘तीन बुराइयों’ का मुकाबला करने में दृढ़ और अडिग रहने की आवश्यकता है।”
बता दें, कि विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बीते मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे थे। गौरतलब है, कि नौ वर्षों बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा है। वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में एससीओ की बैठक हुई थी। तब पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आए थे। उसके बाद एससीओ के देशों की सरकारों के प्रमुखों की बैठक भारत ने वर्चुअल तरीके से आयोजित करने का फैसला किया था।