बुधवार (29 मार्च 2023) को लोकतंत्र पर वैश्विक सम्मलेन में दुनिया को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है। यह इस विश्वास पर आधारित है, कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा, कि भारत में लोकतंत्र बहुत मजबूत है। जिस तरह देश आज दुनिया में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है, वह इसका सबसे बड़ा प्रचार है।
अमेरिका में हो रहे दो दिवसीय ‘समिट फार डेमोक्रेसी’ को वर्चुअल रूप से सम्बोधित करते हुए कहा, कि भारत में हमारा मार्गदर्शक दर्शन सबका साथ, सबका विकास’ है – जिसका अर्थ है ‘समावेशी विकास के लिए एक साथ काम करना’। पीएम मोदी ने कहा, कि भारत आज अनेक वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। यह स्वयं विश्व में लोकतंत्र के लिए सबसे अच्छा उदाहरण है।
Democracy is not just a structure. It is also spirit. It is based on the belief that the needs and aspirations of every human being are equally important. That is why, in India, our guiding philosophy is 'Sabka Saath, Sabka Vikas' – meaning 'Stiving together for inclusive… pic.twitter.com/oFdju0HuvI
— ANI (@ANI) March 29, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि दुनिया के अन्य देशों से कहीं पहले प्राचीन भारत में भी ऐसे कई उदाहरण है, जहां राजा वंशानुगत नहीं होते थे। प्राचीन भारत में भी नेता चुनने की बात सामान्य थी। प्राचीन ग्रंथ महाभारत के अनुसार, किसी भी नागरिक का पहला कर्तव्य अपने नेता का चुनाव करना होता था। हमारे पवित्र वेदों में एक विस्तृत सलाहकार निकाय की बात भी कही गई है। प्राचीन भारत में ऐसे कई ऐतिहासिक उदाहरण मिलेंगे, जिसमे राजा वंशानुगत नहीं थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी 2023’ में कहा, कि चाहे जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने का भारत का प्रयास हो, वितरित भंडारण के जरिये से जल संरक्षण हो या सभी को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करना हो, हर पहल यहां के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है। पीएम मोदी ने कहा, कोविड-19 महामारी के दौरान देश की ‘टीका मैत्री’ पहल ‘वसुधेव कुटुम्बकम’ के मंत्र से भी निर्देशित है, जिसका अर्थ है ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’।
बता दें, बीते कुछ दिनों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेशी धरती लंदन में आरोप लगाया था, कि भारत में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है और विपक्ष को बोलने का अवसर नहीं दिया जाता है। इसके साथ ही पश्चिमी वामपंथी मीडिया भी अनेक अवसरो पर भारतीय लोकतंत्र पर मिथ्या-आरोप जड़ता रहता है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच से दुनिया और देश के अंदर भी लोकतंत्र ख़त्म होने का मुद्दा उठाने वालो को भी उचित जवाब दे दिया है।
उल्लेखनीय है, कि ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी’ 2023 के दूसरे संस्करण का आयोजन 29 से 30 मार्च तक हो रहा है। इस आयोजन की मेजबानी अमेरिका, कोस्टा रिका, नीदरलैंड्स, दक्षिण कोरिया,जाम्बिया की सरकारे संयुक्त रूप से मिलकर कर रहे है। इस सम्मलेन में दुनिया के बड़े नेता निजी तौर पर या वर्चुअली माध्यम से प्रतिभाग कर रहे है। इस सम्मेलन के दौरान तीन बिंदुओं पर प्रमुख रूप से चर्चा की गई, जिनमें क्रमशः लोकतंत्र को मजबूत करना, भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान रहे।