उत्तराखंड में भांग उद्योग के रूप में अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। इस विषय पर गुरुवार (13 अप्रैल 2023) को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह ने कहा, कि भांग के पौधे की बहुमुखी प्रकृति प्रदेश के लिए आर्थिक रूप से बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इसके मद्देनजर तकनीकी के माध्यम से भांग उद्योग को आगे बढ़ाने में यूटीयू की ओर से सकारात्मक प्रतिबद्धता रहेगी।
यूटीयू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह ने भांग उद्योग (हैंप इंडस्ट्री) के उद्यमियों के साथ संयुक्त कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, कि औद्योगिक भांग के उपयोग से निर्मित होने वाले उत्पादों में प्रयुक्त प्रौद्योगिकी के उन्नयन व नवाचार आधारित शोध व विकास कार्यों के लिए विश्वविद्यालय में एक केंद्र की स्थापना करने पर भी विचार किया जा रहा है। बता दें, यूटीयू विश्वविद्यालय में चार प्रमुख भांग कंपनियों ने संयुक्त रूप से फाइबर और संबद्ध उद्योगो के लिए भांग प्रसंस्करण और खेती में तकनीकी उन्नति विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया है।
संयुक्त कार्यशाला को संबोधित करते हुए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्योगिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने कहा, कि भांग की खेती के विभिन्न प्रकार के सकारात्मक लाभकारी गुणों को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना होगा, ताकि भांग के लाभकारी गुणों को स्वीकारने में समाज भ्रमित ना हो। उन्होंने कहा, कि वर्तमान में अभी तक इन पहलुओं को अक्सर अनदेखा किया जाता है।
कार्यशाला में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई में स्थापित सेंटर एरोमैटिक प्लांट्स के निदेशक डॉ निरपेंद्र चौहान ने कहा, कि उत्तराखंड राज्य की औद्योगिक, चिकित्सा और वैज्ञानिक उपयोग के विभिन्न उद्देश्यों के लिए भांग की व्यवसायिक खेती के लिए कारगार सिद्ध हो, तो वह सराहनीय है। उन्होंने कहा, कि भांग उद्योग के रूप में उत्तराखंड अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। कार्यशाला में हैंपको लिमिटेड कंपनी के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्य वन संरक्षक आशीष रावत, एफआरआई से डॉ विनीत कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश
Uttarakhand: लैंड जिहाद पर सीएम धामी की मुहिम को कांग्रेस विधायक ने दिया समर्थन, फैसले से विपक्ष हुआ असहज
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बयानबाजी के बाद पार्टी के अंदर गुटबाजी भी अब खुलकर सामने आने लगी है। महानगर अध्यक्ष के बयानों से खफा किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ जहां संगठन पर लगातार सवाल दाग रहे है, वहीं अब अल्मोड़ा के द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने उत्तराखंड में बढ़ते लैंड जिहाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अभियान का समर्थन कर अपनी कांग्रेस पार्टी को असहज कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने ना सिर्फ अतिक्रमण कर बनाई गईं मजारों को हटाने की धामी सरकार की मुहिम का स्वागत करते हुए कहा, कि मुख्यमंत्री धामी का अवैध मजार हटाने का निर्णय सही है ओर यह फैसला सड़क सुरक्षा की दृष्टि से भी उचित है। इसके अलावा विधायक बिष्ट ने 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली पराजय के लिए प्रदेश संगठन के दिग्गज नेताओं की ओर से की गई बंदरबाट को जिम्मेदार बताया।
द्वारहाट विधायक ने 2022 विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के लिए कांग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा, बड़े नेताओं ने पार्टी का बंटाधार कर दिया। उन्होंने कांग्रेस के संगठन को कमजोर बताते हुए कहा, कि अब कोई कांग्रेस संगठन से नहीं जुड़ना चाहता है। बिष्ट के इस बयान से जहां कांग्रेस असहज नजर आ रही है, वहीं भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक और अवसर मिल गया गया है।
उल्लेखनीय है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी भूमि पर अवैध धार्मिक स्थलों विशेष तौर पर मजारों को हटाने को लेकर मुहीम छेड़ रखी है। राज्य में कांग्रेस के नेता भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे में ना फंसे, इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से बाकायदा एक चिट्ठी भी जारी की गई है। राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर रखने वालो का मानना है, कि हिंदुत्व के मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी इसे लैंड जिहाद का नाम देकर भुनाना चाहती है, और कांग्रेस इस पर विरोध करे, यह भी भाजपा की रणनीति का हिस्सा है।
वहीं निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की अंदुरुनी गुटबाजी ने कांग्रेस पार्टी को असहज कर दिया है। विधायकों की तरफ से लगातार हो रही बयानबाजी से पार्टी को आगे की डगर मुश्किल दिखने लगी है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी की अंदरूनी परिस्थितियों की जानकारी शीर्ष नेतृत्व तक पंहुचा दी है। पार्टी क्षत्रपो