कलियुग में जहाँ एक तरफ भूमि के एक छोटे टुकड़े के लिए सगे भाई-भाई में मनमुटाव की खबरें अक्सर सामने आती रहती है। वहीं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में बंदर बड़े ‘भूमिहार’ है। उल्लेखनीय है, कि गांव की पूरे 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम पर है। गांव वाले बंदरों को विशेष सम्मान देते है। गांव में होने वाले विवाह समारोह में भी पहले बंदरों को सम्मानपूर्वक भोजन खिलाया जाता है, इसके बाद अन्य लोग खाना खाते है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उस्मानाबाद जनपद का उपला गाँव बंदरों को लेकर सुर्खियों में है। इस गांव का प्रत्येक निवासी बंदरों को विशेष सम्मान देता है। यही वजह है, कि इस गाँव की 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम पर दर्ज है। इस गांव के किसी भी घर में जब बंदर जाते है, तो उन्हें सम्मान पूर्वक भोजन दिया जाता है।
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के उपला गांव में 32 एकड़ जमीन बंदरों के नाम पंजीकृत होने का एक दुर्लभ मामला सामने आया है। गांव में लोग बंदरों को खास सम्मान देते है। वे उनके दरवाजे पर आने पर उन्हें खाना देते है और शादी समारोह शुरू करने से पहले भी उनका सम्मान किया जाता है। pic.twitter.com/CznLUJaPSQ
— हम लोग We The People (@ajaychauhan41) October 16, 2022
उपला गाँव के सरपंच बप्पा पड़वाल ने मीडिया को जानकारी दी, कि सरकारी दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है, कि यहाँ की 32 एकड़ जमीन बंदरों की है। हालाँकि, यह जमीन बंदरों के नाम पर किसने और कब की है, इस विषय में कुछ भी पता नहीं चल पाया है। सरपंच ने यह भी बताया, कि पहले बंदर गाँव में होने वाले सभी आयोजनों हिस्सा होते थे। हालाँकि, अब धीरे-धीरे यह सब बदल रहा है।
सरपंच के अनुसार, इस गाँव में करीब 100 बंदर है। पिछले कुछ वर्षो में बंदरों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि ये लंबे समय तक एक स्थान पर नहीं रहते। यहाँ की जमीन पर वन विभाग ने वृक्षारोपण भी किया है। पहले यहाँ एक पुराना मकान भी था, लेकिन वह अब ढह चुका है।
उन्होंने कहा, कि पहले के समय में गाँव में जब शादियाँ होतीं थी, तो बंदरों को पहले भेंट दी जाती थी, खाना खिलाया जाता था, उसके बाद ही समारोह आरंभ होता था और फिर अन्य मेहमान खाना खाते थे, लेकिन अब बहुत कम लोग इस प्रथा का पालन कर रहे है। ये एक तरह से शास्त्रविधि ही है, जिसका स्थानीय स्तर पर पालन होता आ रहा है।