यूपी में कुछ दिन पहले हुए विधान परिषद (MLC) की पांच सीटों के चुनाव परिणाम आ गए है। विधान परिषद की 5 सीटों में से 4 सीटों पर सत्ताधारी भाजपा को विजय मिली है, वहीं 1 सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन सीटों में तीन स्नातक की थी और 2 सीटें शिक्षक कोटे की थी। बीती 30 जनवरी, 2023 को एमएलसी चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कानपुर स्नातक सीट पर भाजपा के अरुण पाठक ने समाजवादी पार्टी के कमलेश यादव को 9331 वोटों से हरा दिया। जबकि बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक एमएलसी सीट पर बीजेपी के ही डॉक्टर जय पाल सिंह की जीत हुई है। वहीं झाँसी-इलाहाबाद शिक्षक सीट से भाजपा के बाबूलाल तिवारी विजयी रहे है। गोरखपुर-फैजाबाद खण्ड स्नातक से बीजेपी के देवेंद्र प्रताप सिंह जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रहे। निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर चंदेल ने कानपुर शिक्षक एमएलसी पर जीत दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी की एकतरफा जीत पर बधाई देते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में विजयी सभी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई! राज्य विधान मण्डल के उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को मिली यह जीत आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के प्रति अथाह जन विश्वास की प्रतीक है।”
लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति गहरी आस्था रखने वाले कर्मठ सदस्यों की उपस्थिति उ.प्र. विधान परिषद की गरिमा को बढ़ाएगी।
नए सदस्यों के सार्वजनिक जीवन का सुदीर्घ अनुभव 'नए भारत के नए उत्तर प्रदेश' के निर्माण में सहयोगी सिद्ध होगा।
आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के प्रति मेरी शुभकामनाएं!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 3, 2023
उल्लेखनीय है, कि यूपी का हालिया एमएलसी चुनाव उस वक्त हुआ है, जब गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिशें की जा रही है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रीरामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसके बाद पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद का समर्थन को उन्हें पार्टी महासचिव पद देकर पुरस्कृत किया था। अब एमएलसी चुनाव में सपा को मिली शर्मनाक हार से ये स्पष्ट है, कि जनता को सपा की हिंदू विरोधी सियासत पसंद नहीं आई।