पांच टेस्ट मैचो की सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट में सातवें क्रम पर बल्लेबाजी करने आये ध्रुव जुरेल ने पहली पारी में बेहतरीन 90 रनों की पारी खेली। वहीं इससे पहले राजकोट टेस्ट में उन्होंने 46 रन बनाये थे। ध्रुव ने अपने इस उम्दा खेल की बदौलत क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी है। गौरतलब है, कि ध्रुव ने अर्धशतक के बाद पिता को मैदान से सैल्यूट किया। बता दें, कि ध्रुव के पिता नेम चंद भारतीय सेना के जवान रह चुके हैं और वे कारगिल युद्ध में भी लड़े थे।
23 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने रांची टेस्ट में छह चौके और चार छक्के लगाकर इंग्लिश गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। वहीं इंग्लैंड ने पहली पारी में जो रूट के शतक की बदौलत 353 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में 307 रन बनाए। तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 40 रन बना लिए हैं। रोहित शर्मा 24 रन और यशस्वी जायसवाल 16 रन बनाकर नाबाद हैं। टीम इंडिया को जीत के लिए 152 रन की जरूरत है।
A Salute for his father. 🫡🇮🇳
– Dhruv Jurel is making his father proud who is a Kargil war veteran.pic.twitter.com/Q4GVIJLRAE
— Johns. (@CricCrazyJohns) February 25, 2024
उल्लेखनीय है, कि भारतीय टीम के युवा विकेटकीपर और बल्लेबाज ध्रुव जुरेल ने अपने करियर के दूसरे ही टेस्ट मैच में ऐसे खेल का प्रदर्शन किया है, जिसने इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। रांची टेस्ट के तीसरे दिन इस युवा बल्लेबाज ने पहली पारी में अकेले के दम पर मैच का पासा पटल दिया। भारत की पहली पारी 307 रन पर सिमटी और ध्रुव की पारी ने इंग्लैंड को सिर्फ 46 रन की बढ़त लेने का मौका दिया।
बता दें, कि यूपी के आगरा में वर्ष 2001 में जन्में ध्रुव जुरेल के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने की राह आसान नहीं रही। ध्रुव के पिता नहीं चाहते थे, कि वह क्रिकेटर बने। वह बेटे को अपनी तरह देश की सेवा में समर्पित करना चाहते थे। आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने तैराकी के कैंप में भी जाना शुरु किया, लेकिन उन्हें स्विमिंग से ज्यादा क्रिकेट में रुचि थी। जब उनके पिता को इसकी जानकारी हुई, वे बेहद गुस्सा हुए, लेकिन बाद में उनके पिता ने बैट खरीदने के लिए अपने दोस्तों से 800 रुपये का कर्ज लिया था।
ध्रुव उत्तर प्रदेश के लिए अंडर-14 और अंडर-16 आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं। इसके बाद उन्हें 2020 में विश्व कप के लिए भारत की अंडर -19 टीम के लिए चयनित किया गया। इसके बाद ध्रुव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह 2020 में देश की अंडर-19 टीम के उपकप्तान भी बनाए गए। उनकी टीम अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश से हार गई, लेकिन ध्रुव ने अपनी कप्तानी में अंडर-19 एशिया कप जीता।
अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत में ध्रुव ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते थे, लेकिन उनकी गेंदबाजी कुछ खास नहीं थी। ऐसे में उन्होंने विकेटकीपिंग में हाथ आजमाया और इस भूमिका में उन्होंने सभी को प्रभावित किया। इसके साथ ही वह मध्यक्रम बल्लेबाज होने के साथ ही विकेटकीपर भी बन गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डेब्यू सीरीज में ध्रुव के शानदार प्रदर्शन से टीम प्रबंधन बेहद खुश है। अनुमान है, कि ध्रुव को धर्मशाला टेस्ट मैच में भी मौका दिया जा सकता है।