कोरोना वायरस के बाद चीन में तबाही मचा रहे वायरस HMPV ने भारत में भी दस्तक दे दी है। चीन में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहे HMPV के भारत में मंगलवार (7 जनवरी, 2025) तक 7 मामले सामने आ चुके हैं। यह मामले बेंगलुरु, तमिलनाडु और गुजरात से सामने आए हैं। HMPV के अधिकांश मामले छोटे बच्चों में ही पाए जा रहे हैं।
इस बीच भारत सरकार ने लोगों से अपील की है, कि इसको लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके मामलों में वृद्धि से कोविड जैसा प्रकोप नहीं होगा। HMPV वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है, कि यह कोई नया वायरस नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से सतर्कता बढ़ाने को कहा है। HMPV को लेकर बड़े डॉक्टरों ने भी चिंता ना करने को कहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी। HMPV (ह्युमन मेटान्यूमोवायरस) सांस और जुकाम जैसा संक्रमित करने वाला वायरस है। यह एक RNA वायरस है। यह वायरस न्युमोवेरिडे परिवार से जुड़ा है। यह रेस्पिरेटरी सिंसिटल वायरस (RSV) जैसा है। RSV वायरस सांस लेने में दिक्कत करता है।
इसे सबसे पहले नीदरलैंड में नए वायरस के तौर पर पहचाना गया था। हालाँकि, शोध में पाया गया है, कि यह वायरस बीते लगभग 60 वर्षों से मनुष्यों में मौजूद है। विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV के लक्षण लगभग जुकाम जैसे ही हैं। इसका शिकार हुए रोगी को खांसी, नाक बहना, गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्कत और न्युमोनिया भी हो सकता है। HMPV एक संक्रामक वायरस है। इसका प्रसार जुकाम की तरह होता है। यानी HMPV ग्रसित व्यक्ति के खांसने, छींकने, हाथ मिलाने और ऐसी सतहों को छूने से होता है, जहाँ यह वायरस मौजूद हो। इसके अधिकांश मामले ठंड के मौसम में सामने आते हैं।
HMPV का सबसे अधिक प्रभाव 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं और 65 वर्ष अधिक के लोगों में होता है। सर्वाधिक मामले भी इसी आयुवर्ग में सामने आते हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार 81 फीसदी मामलों HMPV रोगी 2 साल से कम उम्र के थे। बच्चों में इसके चलते सांस लेने की दिक्कत के मामले आते हैं। भारत में सामने आए मामलों में अधिकांश रोगी भी बच्चे ही हैं।
एक अन्य शोध में ज्ञात हुआ था, कि खांसी जुकाम जैसे लक्षणों से प्रभावित लगभग 4-16 फीसदी बच्चों को HMPV ही नुकसान पहुँचाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV एक श्वसन वायरस है, जो मानव फेफड़ों और श्वसन नली में इंफेक्शन पैदा करता है। यह सामान्य तौर पर ऐसी स्थितियां पैदा करती है जो सामान्य सर्दी या फ्लू में होता है। पहले से ऐसी बीमारियों या एलर्जी से ग्रस्त लोगों में इस वायरस का संक्रमण आम बात है।
गौरतलब है, कि HMPV के अधिकांश मामले में बच्चों में पाए गए हैं, ऐसे में उनके विषय में विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए। बच्चों समेत बाकी लोगों के हाथ लगातार साबुन से धुलना, मास्क लगाना और खांसी-जुकाम का तुरंत चेकअप इस संबंध में कुछ बचाव है, जो अमल में लाये जा सकते हैं। इसके अलावा जिन्हें खांसी आ रही है, उन्हें बाकी लोगों से एक दूरी भी बनानी चाहिए।
इसके अलावा यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बनाता है। ऐसे में इस संक्रमण से बचने के लिए इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए संतुलित आहार, विटामिन सी से भरपूर फूड्स को भोजन में शामिल करें। इस वायरस से लड़ने में काफी हद तक हमारा शरीर ही सक्षम है, लेकिन कोई भी विसंगति लगने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ।