बांग्लादेश के चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी के बाद मुल्क के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बता दें, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए आवाज उठाने वाले संत चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार 25 नवंबर को ढाका एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। इसी बीच भारत ने मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, कि यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों की ओर से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है। दुर्भाग्य से इन घटनाओं के अपराधी अभी भी फरार है।
We have noted with deep concern the arrest and denial of bail to Chinmoy Krishna Das, who is also the spokesperson of the Bangladesh Sammilit Sanatan Jagran Jote. This incident follows the multiple attacks on Hindus and other minorities by extremist elements in Bangladesh…We… pic.twitter.com/HcbpuRQjer
— ANI (@ANI) November 26, 2024
भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है, “हमने बांग्लादेश ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से मुल्क में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लगातार हिंसा हो रही है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए है। इस दौरान बीएनपी और जमात के कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन का रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया।
बीएनपी और जमात के कार्यकर्ताओं द्वारा किये इस हमले में 50 से अधिक हिंदू समुदाय के लोग घायल हुए हैं। ढाका के शाहबाग में शांतिपूर्ण सभा के दौरान हिंदू समुदाय के लोगों और चटगांव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुशाल बरन पर भी जानलेवा हमला हुआ है। इस हमले में वो गंभीर रूप से घायल हो गए है। कई लोगों को अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है।
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद इस्कॉन ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया है, “हमें चिंताजनक सूचना मिली है, कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस्कॉन भारत सरकार से तुरंत कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने की अपील करता है। हम एक शांतिपूर्ण भक्ति आंदोलन हैं। हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को जल्द रिहा करे। हम भगवान कृष्ण से इन भक्तों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।
ISKCON tweets, "We have come across disturbing reports that Sri Chinmoy Krishna Das, one of the prominent leaders of ISKCON Bangladesh, has been detained by the Dhaka police. It is outrageous to make baseless allegations that ISKCON has anything to do with terrorism anywhere in… pic.twitter.com/Db8xG1JX3y
— ANI (@ANI) November 25, 2024
वहीं बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी ने पूरे हिंदू समुदाय में हलचल मचा दी है। बांग्लादेश की एक कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया था, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए है। दरअसल, सत्ता में काबिज मोहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार में बांग्लादेशी हिदुओं और अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर हमले और उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनके खिलाफ अल्पसंख्यक वर्ग द्वारा कई बार विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।