केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दीपावली की पूर्व संध्या पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर छूट देने के बाद राष्ट्र के अन्य राज्यों ने भी अपने राजस्व कर में भी कटौती कर राहत प्रदान की है। किन्तु प्रेस सूचना ब्यूरो के मुताबिक अभी भी 14 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश ऐसे है, जिन्होंने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में कोई कमी नहीं की है।
States, which are yet to reduce VAT on petrol and diesel, after Center’d sharp excise cut:
Maharashtra
Delhi
WB
TN
Telangana
AP
Kerala
Meghalaya
A&N
Jharkhand
Odisha
Chattisgarh
Punjab
RajasthanCongress and allies run 5 of these. Mamata Banerjee and Kejriwal other defaulters.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 5, 2021
ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर राजनीति करने वाले और वर्तमान भारत सरकार पर सदैव हमलावार रहने वाले पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, अंडमान और निकोबार, और झारखंड राज्य अपने राजस्व कर में कटौती करने से कतरा रहे है।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पैट्रोलियम के दामों पर कटौती के बाद तेरह राज्यों की सरकारों ने पेट्रोल और डीजल पर अपना राजस्व नहीं घटाकर अपने प्रदेश के निवासियों को इस छूट से वंचित रखा है। इसका तात्पर्य यह भी निकलता है, कि मोदी सरकार पर पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर लगातार हंगामा मचाने वाली विपक्षी पार्टिया का उद्देश्य मात्र मुद्दे का राजनीतिककरण होता था।
उल्लेखनीय है, कि भारत सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाए जाने के बाद तमाम गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों से यह अपेक्षा थी, कि वह भी आम जनता को राहत देते हुए, अपने पैट्रोलियम उत्पादों से राजस्व कम करती, हालाँकि इन तमाम राज्य सरकारो ने वैट से छूट देने से इंकार तो किया ही, उल्टा वह केंद्र सरकार के निर्णय पर ही सवाल उठाने लगी है।
#Rajasthan desperately needs reduction of #Vat on fuel.
Petrol price per Litre today
Jaipur 110.94
Lucknow 95.28@ashokgehlot51 pic.twitter.com/qw78tvWbhn— Honest Taxpayer (@devkhatri) November 5, 2021
केंद्र सरकार द्वारा पैट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती का विरोध करने में कांग्रेस शासित राज्य सरकार सबसे आगे है। जिनके नेता पर पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर सबसे अधिक हल्ला मचा रहे थे। केरल की कांग्रेस सरकार ने पैट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती करने से साफ मना कर दिया है। केरल सरकार ने बीते शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा, कि वह राज्य में भीषण वित्तीय संकट के चलते कांग्रेस सरकार पैट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती नहीं कर सकती है।
गौरतलब है, कि कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में पैट्रोलियम उत्पादों पर अन्य प्रदेशो के मुकाबले सबसे अधिक वैट आम जनता से वसूला जाता है। फिलहाल यह समझाना कठिन है, जिस वक्त बीजेपी और उनके राजनितिक सहयोगी दल अपने राजस्व में कटौती कर लोगों को राहत प्रदान कर रही है, वही गैर भाजपा शाषित राज्य पैट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती क्यों नहीं कर रही है ? क्या सिर्फ राजनितिक दुर्भावना के चलते ये राजनितिक दल अपने राज्यों में आम जनता के हितो की अनदेखी कर रहे है।
दिल्ली में पेट्रोल लगभग 9 रुपये महंगा – काहे भाई? भैया दूज पे भी AAP सरकार सता रही है दिल्ली के भाई बहनो को.
Anti BJP के चक्कर में विपक्ष Anti People हो गया जी
और
दिल्ली से सटे नॉएडा,गुरुग्राम,ग़ाज़ियाबाद,फ़रीदाबाद,सोनीपत में सस्ता है! कल रात कितने मित्र वहाँ से भरवाये भाई? pic.twitter.com/cAkKziETFR— Neelkant Bakshi ?? (@neelkantbakshi) November 6, 2021
उल्लेखनीय है, कि केंद्र कि मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती करते हुए दिवाली के अवसर पर पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर कम कर दिया था। इस निर्णय के बाद उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, पुडुचेरी, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, बिहार, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और ओडिशा समेत कई राज्य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती करने कि घोषणा की थी।
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