विपक्षी दल और वामपंथी मीडिया केंद्र की मोदी सरकार के अंधविरोध में इतना डूब गयी है, कि अब उसकी नजरो में देश का सम्मान बढ़ाने वाले भी खटकने लगे है। विपक्षी कभी भारतीय सेना द्वारा पकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर साक्ष्य मांग कर सेना के शौर्य पर संदेह जाहिर करता है। तो कभी भारत-चीन सीमा विवाद पर चीन का प्रवक्ता बन देश को गुमराह करने का कार्य करते है।
अब इन्हीं विपक्षी दलो और वामपंथी मीडिया के निशाने में टोक्यो ओलम्पिक में देश के लिए रजत पदक जीतने वाली बेहद साधारण परिवार से आने वाली भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू आ गयी है। दरअसल दैनिक भास्कर अखबार ने वेटलिफ्टिंग से जुड़ा एक कार्टून साँझा किया। जिसमें “व्यंग्यात्मक” टिप्पणी करते हुए लिखा था, कि “प्रैक्टिस के लिए वजन बढ़ाना होगा, अगली बार गोल्ड लाना है” और इसी कार्टून के नीचे लिखा था, “वेट लिफ्टिंग में भारत को रजत पदक”।
ये है दैनिक भास्कर का स्तर…
भारत की बेटी का अपमान देश
का अपमान, ये हैं अपने देश के जयचंद??@DainikBhaskar pic.twitter.com/jnchvx4fa4— अक्स (@VickyAarya007) July 25, 2021
इस कार्टून के माध्यम से सीधे – सीधे ओलम्पिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू के अथक परिश्रम पर सवाल खड़े किये गए। दैनिक भास्कर द्वारा शेयर किये गए इस अपमानजनक कार्टून को कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने देश में पेट्रोल के दामों की बढ़ोतरी के कटाक्ष के रूप में ट्विटर में रीट्वीट किया। और ट्वीट का शीर्षक दिया “मंहगाई की मार”
देश का ओलम्पिक खेलो में सम्मान बढ़ाने वाली मीरा बाई चानू के अपमान पर दैनिक भास्कर और कांग्रेस के नेता के ट्वीट पर देश की जनता के कड़ी आपत्ति दर्ज की है। इसके अलावा जब टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत के लिए पहला पदक जीतने वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया तो अपनी पुरानी आदत से मजबूर वामपंथी मीडिया मीराबाई चानू की उपलब्धि को धूमिल करने पहुँच गए।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा खेलो की दशा सुधारने के लिए उठाये गए कदमो और खिलाड़ियों की मेहनत पर आभार प्रकट करते हुए IWF के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने जैसे ही यह कहा, कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, और उन खिलाड़ियों के भी जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ओलंपिक महाकुंभ में भाग लिया है। वैसे ही पूरा विक्षिप्त मानसिकता का शिकार वामपंथी गिरोह उन पर टूट पड़ा और सवाल करने लगा, कि मीराबाई चानू के ओलम्पिक में रजत पदक जीतने में प्रधानमत्री का किस प्रकार का योगदान ?
भले ही वामपंथी गिरोह द्वारा ओलम्पिक में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र कि मोदी सरकार द्वारा किये जा प्रयासों को अनदेखा किया जा रहा है। लेकिन यह बात जगजाहिर है, कि खेलो और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा समय-समय पर अनेक कार्य किये गए। और केंद्र के इन्हीं प्रयासों के परिणाम स्वरुप वर्तमान में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार आया है।
ओलम्पिक में रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई ने स्वयं भारतीय खेल प्राधिकरण और ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना’ को धन्यवाद करते हुए कहा, कि देश और विदेश में उनकी ट्रेनिंग के लिए जिस प्रकार लगातार सहयोग प्रदान किया, उसी के फलस्वरूप वह पदक जीतने में सफल हो पायी है।
कोरोना आपदाकाल में मीराबाई चानू को प्रशिक्षण के लिए अमेरिका भेजने का निर्णय कुछ घंटों के भीतर ले लिया गया था। गौरतलब है, कि उस वक्त अमेरिका कोरोना के चलते भारतीय यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। अमेरिका में मीराबाई के प्रशिक्षण का खर्चा तकरीबन 70 लाख रुपए था।