विगत कई वर्षो की योजना को धरातल पर उतारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते शुक्रवार राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति को लांच किया है। इस नीति के अनुसार पंद्रह और बीस साल पुराने एवं अनफिट वाहनों को स्क्रैप यानी कबाड़ में नष्ट करने की व्यवस्था होगी। व्यवसायिक वाहनों की अवधि पंद्रह वर्ष एवं निजी वाहनों बीस वर्ष का समय तय किया गया है।
We're about to enter 75th year of Independence. The next 25 years are very important for the country, from this point onward. In these 25 years, changes are going to take place in our way of working, in our daily lives, in our businesses: PM Modi at The Investor Summit, Gujarat pic.twitter.com/ny9gtWACLT
— ANI (@ANI) August 13, 2021
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गुजरात राज्य की राजधानी गांधीनगर इंवेस्टर समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबिधान में कहा, कि यह नीति राष्ट्र की सड़कों पर वाहनों को आधुनिक बनाने और अनफिट गाड़ियों को हटाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कहा गया, कि ऑटो-मोबाइल इंडस्ट्री को इस पॉलिसी से लाभ मिलेगा और स्क्रैपिंग की क्षेत्र में कार्य करने वाले नागरिको को फायदा होगा। इस नीति से देश में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति को ‘कचरे से कंचन’ (Waste to Wealth) योजना का एक पहलु बताया, जो शहरों से प्रदूषण के स्तर को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के अलावा देश का तेज गति से विकास के संकल्प को प्रदर्शित करता है।
राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति के अंतर्गत वाहन की उम्र देखकर उसके स्क्रैपेज प्लांट में जाने का निर्णय नहीं होगा,बल्कि वाहन का फिटनेस टेस्ट होगा। जिसके आधार पर स्क्रैपेज का निर्णय लिया जायेगा। स्क्रैपेज नीति लागू होने के बाद पुराने वाहनों को स्क्रैपेज अथवा नष्ट करने वाली कंपनियां को देने पर एक सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा। इस प्रमाणपत्र धारक को नया वाहन खरीदते समय कोई पंजीकरण शुल्क नहीं देना पड़ेगा एवं कुछ प्रमाणपत्र धारको को रोड टैक्स से भी राहत मिलेगी।