क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के 148 संस्थानों ने जगह बनाई है। इसी के साथ भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। यह रैंकिंग एशिया के संस्थानों के लिए जारी की गई है। इसमें भारत के बाद चीन और जापान का स्थान है। पिछली बार की तुलना में इस बार भारत के 37 और शिक्षण संस्थान इस सूची में शामिल किए गए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते वर्ष इस QS वर्ल्ड रैंकिंग में भारत के 111 शिक्षण संस्थान शामिल थे, जो कि इस बार बढ़कर 148 हो गए। QS की इस रैंकिंग में IIT दिल्ली और IIT मुंबई शीर्ष 50 में जगह बनाने में सफल रही है। वहीं, IIT मद्रास, IIT कानपुर और IISc बैंगलोर सहित पाँच अन्य संस्थान शीर्ष 100 में शामिल है।
इस रैंकिंग में कुल 25 देशों के 856 यूनिवर्सिटी को शामिल किया गया है। यह रैंकिंग पूरी दुनिया में उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता, उनमें हो रहे शोध, छात्रों में उनकी माँग और शिक्षा-जगत में उनके प्रदर्शन को आधार बनाकर तैयार की जाती है। इसे Topuniversities.com नाम की एक वेबसाइट द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रकाशित किया जाता है।
यह रैंकिंग पूरी दुनिया के पाँच भागों – एशिया, लैटिन अमेरिका, इमर्जिंग यूरोप, मध्य एशिया और अरब क्षेत्र के अतिरिक्त BRICS देशों के लिए जारी की जाती है। वर्तमान रैंकिंग, जिसमें भारत शीर्ष पर है, एशिया के लिए है। इस बार की रैंकिंग में चीन के कुल 133 यूनिवर्सिटी और जापान के 96 यूनिवर्सिटी शामिल हुए है।
गौरतलब है, कि इस रैंकिंग में ना सिर्फ भारत के अधिक संस्थानों ने स्थान बनाया है, बल्कि उनकी पिछले वर्ष की रैंकिंग में भी गुणात्मक सुधार हुआ है। भारत के कुल 21 संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। वहीं, 15 यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है। IIT मुंबई, IIT दिल्ली और IIT मद्रास क्रमशः 40 और 46 तथा 53 की रैंकिंग के साथ पूर्ववत हैं।
वहीं, IISc बैंगलोर अब 58 से 52 और IIT खड़गपुर 61 से 59वें स्थान पर पहुँच गया है। IIT कानपुर की रैंकिंग 66 से 63 हो गई है। सबसे बड़ी छलांग IIT गुवाहाटी ने मारी है, जो कि 124 से सीधे 111वें स्थान पर पहुँच गई है। वहीं, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी 119 से 117वें स्थान पर पहुँच गया है।
भारत के लगातार बढ़ते संस्थानों की संख्या प्रदर्शित कर रही है, कि देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बीते वर्षों में बेहद सुधार हुआ है। वर्ष 2014 में इस रैंकिंग में भारत के सिर्फ 16 संस्थान शामिल थे। अब 9 वर्षों के बाद यह संख्या लगभग दस गुनी हो गई है। हालाँकि, वैश्विक रैंकिंग में अभी भी भारत के संस्थान पिछड़ रहे है।
भारत अनुसंधान के क्षेत्र में असाधारण रुप से आगे आया है। प्रति संकाय पेपर के मामले में एशिया के 10 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से सात विश्वविद्यालय भारतीय है। वहीं, अन्ना विश्वविद्यालय ने अनुसंधान उत्पादकता में क्षेत्रीय श्रेष्ठता हासिल की है। इस सूचकांक में इसने पहला स्थान हासिल किया है।