
'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत म्यांमार पहुंचाई गई मदद, (फोटो साभार: X/@NDRFHQ)
म्यांमार और थाईलैंड में बीते शुक्रवार को आये 7.7 तीव्रता वाले प्रलयंकारी भूकंप में अभी तक 1,644 से अधिक लोग अपने प्राण गँवा चुके हैं, जबकि 3408 घायल हैं। वहीं सैकड़ों लापता बताये जा रहे है। कई इमारतें मलबे में तब्दील हो चुकी है, पुल ध्वस्त हो गए, मस्जिदें और मठ भी क्षतिग्रस्त हो गए। इस खौफनाक आपदा के बीच भारत ने अपना पड़ोसी धर्म निभाते हुए सबसे पहले सहायता का हाथ बढ़ाया और ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने बीते शनिवार (29 मार्च 2025) को म्यांमार के लिए सैन्य परिवहन विमान में 15 टन जरुरी राहत सामग्री यांगून पहुंचाने के कुछ घंटों बाद भारतीय वायु सेना (IAF) के दो C-130J विमान से पहुंचे। राहत सामग्री में कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, खाद्य पैकेट और रसोई सेट जैसी अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडियाकर्मियों को जानकारी दी, कि भारत ने भूकंप से प्रभावित म्यांमार के नागरिकों की मदद के लिए ‘‘सबसे पहले कदम उठाने वाले” राष्ट्र के रूप में कार्य किया है। उन्होंने बताया, ‘‘ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता हैं, ऐसे वक्त में जब हम म्यांमार सरकार और वहां के नागरिकों को तबाही के बाद उनके देश के पुनर्निर्माण में सहायता का हाथ बढ़ा रहे हैं, अतः इस अभियान का यह नाम विशेष महत्व रखता है।”
वहीं एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बताया, कि आगामी 24 से 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। भारत ने राहत कार्य को दो चरणों में विभक्त किया है। कई सी-130 विमान म्यांमार पहुँच चुके हैं। पहली टीम में एनडीआरएफ के जवान गए, जबकि दूसरी टीम में फील्ड हॉस्पिटल, आर्मी रेक्यूअर की टीम और मेडिकल हेल्प के साथ राहत सामग्री भेजी गई है। इसके अलावा कोलकाता में एक रिजर्व टीम भी तैयार रखी गई है, जो आवश्यकता पड़ने पर तत्काल रवाना की जाएगी।
01 self-contained Heavy Urban Search & Rescue (USAR) team comprising 80 skilled rescuers including 04 canines, specialized equipment and tools being airlifted for Nay Pyi Taw, Myanmar in two sorties for #SAR operations in earthquake-affected regions. pic.twitter.com/xuHIiYC3xS
— NDRF
(@NDRFHQ) March 29, 2025
उल्लेखनीय है, कि पड़ोसी मुल्क म्यांमार में चल आतंरिक संघर्ष और संचार सुविधाओं के बाधित होने के चलते बचाव व राहत कार्यों में मुश्किलें खड़ी हो रही है। हालांकि, इन हालातों में म्यांमार की शैडो सरकार एनयूजी ने दो हफ्ते का संघर्ष विराम की घोषणा की है, ताकि राहत एवं बचाव कार्यो में बाधा उत्पन्न न हो।
बता दें, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग से एक दिन पहले ही बातचीत भी की है। फोन पर बातचीत के दौरान पीएम मोदी द्वारा म्यांमार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। वहीं अन्य देश भी इस विपदा की घड़ी में म्यांमार की मदद के लिए आगे आये है। चीन ने 37 सदस्यों वाली टीम और रूस ने 120 बचावकर्मियों के साथ राहत व आपात सामग्री भेजी है।