कोरोना संकमण की दूसरी लहर के घातक स्वरुप के मद्देनजर केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान में तेजी लाना शुरू कर दिया है। हालांकि वर्तमान में भारत की विशाल जनसँख्या को देखते हुए अभी पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के निदेशक डॉ संदीप गुलेरिया द्वारा कहा गया कि कुछ माह के भीतर भारत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता बनने जा रहा है।
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ गुलेरिया द्वारा कहा गया कि कोरोना संक्रमण से चल रही लड़ाई में वैक्सीनेशन एक बेहद जरुरी कड़ी है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमण के वायरस के कई रूप है। उनमें से अधिकतर सामान्य फ्लू की तरह व्यवहार करते हैं, परन्तु इनमे से कुछ ही इतने शक्तिशाली होते है, जो महामारी की वजह बन सकते हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, कि आने वाले दिनों में देश में चार प्रमुख वैक्सीन का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने कहा, कि वैक्सीनेशन कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त साधन है। कोरोना की वैक्सीन हमें तक़रीबन आठ से बारह महीने तक कोरोना से बचाव की प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है।
शोधकर्ताओं के अध्ययनों से यह जानकारी सामने आयी है, कि जिन लोगों ने कोरोना संक्रमण की वैक्सीन की दोनों डोज ली थी। उन्हें संक्रमण के हल्के लक्षणों का सामना करना पड़ा। फिलहाल राहत की खबर यह है, कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मामलो में तेजी से गिरावट जारी है। कोरोना महामारी वर्तमान में मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उभरा है। परन्तु मानव सभ्यता भी इस घातक कोरोना संक्रमण से पूरी शक्ति के साथ युद्ध लड़ रही है। और शीघ्र ही कोरोना से चल रही इस जंग के परिणाम साकारत्मक आने की उम्मीद है।