प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का ब्रिटेन समेत वैश्विक स्तर पर भी भारी विरोध हो रहा है। ब्रिटेन और कैलिफोर्निया समेत विदेश में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने बीबीसी पर पक्षपातपूर्ण पत्रकारिता करने का आरोप लगाया है। प्रवासी भारतीयों ने लंदन में स्थित बीबीसी मुख्यालय और उसके क्षेत्रीय कार्यालयों के बाहर भारी तादात में एकत्रित होकर बीते रविवार (29 जनवरी, 2023) को प्रदर्शन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन में बीबीसी मुख्यालय के बाहर भारतीय प्रवासियों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे भारतीयों ने बीबीसी की इस विवादित और प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटेन में भी बैन करने की माँग की। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘बायकॉट बीबीसी’, ‘ब्रिटिश बायस कॉर्पोरेशन’ और ‘स्टॉप द हिन्दूफोबिक नैरेटिव’, ‘बीबीसी शर्म करो’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे वाली तख्तियाँ लहराते दिखे।
300 plus people from the Indian diaspora came out to protest in London at the @BBC headquarters against their divisive & one sided documentary. Similar protests across UK in Manchester, Glasgow, New Castle and Birmingham.#DefundTheBBC #BBCDocumentary pic.twitter.com/6y46CgsBvQ
— Manu Khajuria 🇮🇳 (@KhajuriaManu) January 29, 2023
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में मैन्युफैक्चरिंग कंपनी चलाने वाली वंदना शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री एक प्रोपेगंडा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “बीबीसी ने हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हिंसा को भड़काने के लिए एक असत्य कहानी रची है। 2024 में मोदी को रोकने के लिए बहुत सारी बाहरी और अंदरूनी शक्तियाँ काम कर रही हैं। लेकिन, मुझे पूर्ण विश्वास है, कि वह फिर से विजयी होंगे।”
ब्रिटेन स्थित बीबीसी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों के अनुसार, बीबीसी ने गोधरा (ट्रेन) में जिंदा जलाकर मारे गए बेकसूर हिंदुओं के एक भी परिवार का इंटरव्यू नहीं लिया। उसका एजेंडा इस्लाम समर्थक और भारत व हिंदू विरोधी है। वह दूसरे पक्ष को नहीं दिखाता। बीबीसी पीएम मोदी और भारत को बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र रच रहा है।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने बीबीसी की पक्षपातपूर्ण डाक्यूमेंट्री को लेकर कहा, “डॉक्यूमेंट्री एकतरफा है, और दोनों पक्षों को नहीं चित्रित नहीं करती है। बीबीसी ने इस बात पर इस बात को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया, कि आखिर दंगे शुरू ही क्यों हुए। पुरुषों, महिलाओं और छोटे बच्चों से भरी एक ट्रेन कैसे जला दी गई।
बता दें, बीबीसी की इस प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों का मिथ्या दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मढ़ने की कोशिश की गई है। पीएम मोदी की छवि इस्लाम विरोधी दर्शाने का प्रयास भी किया गया है। दो भागों में बनाई गई बीबीसी की इस डाक्यूमेंट्री में पीएम मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात चित्रित की गई है।