कोरोना आपदाकाल से उपजे हालात से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है। वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है और वार्षिक वृद्धि दर 8.7 फीसदी तक पहुंच गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे विकसित देशों की इकनॉमी को भी पछाड़ दिया है। वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर के मामले में चीन की अर्थव्यवस्था 8.1 फीसदी, ब्रिटेन ने 7.4 फीसदी और फ्रांस 7 फीसदी रही, जबकि अमेरिका 5.7 फीसदी की दर से सबसे पीछे रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार (31 मई 2022) को आंकड़े जारी यह जानकारी दी। आकंड़ो के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल, मई और जून) में जीडीपी ग्रोथ 20.1% रही थी। वही दूसरी तिमाही (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.4% और तीसरी तिमाही (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में ये 5.4% की रफ्तार से तेजी से बढ़ी थी।
Upwards and Onwards!
India becomes the world's fastest-growing economy with a GDP growth rate of 8.7%. #IndiaBouncesBack pic.twitter.com/kbRXG3sZ4N
— MyGovIndia (@mygovindia) May 31, 2022
उल्लेखनीय है, कि इससे पूर्व कोरोना आपदाकाल से भीषण तरीके से प्रभावित वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये हो गई थी, जबकि एक वर्ष पूर्व यह 135.58 लाख करोड़ रुपये रही थी। हालांकि मार्च 2022 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की वृद्धि का आंकड़ा एनएसओ के पूर्वानुमान से कम रहा है।
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मीडिया को जानकारी दी, भारत के लिए आर्थिक वृद्धि दर में नरमी के साथ ऊंची मुद्रास्फीति का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, कि मोदी सरकार के प्रयासों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था अन्य विकसित राष्ट्रों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया, कि भारत विकास हासिल करने के लिए वित्तीय क्षेत्र में कहीं बेहतर स्थिति में है।