अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप इस समय जबरदस्त एक्शन मोड में हैं। राष्ट्रपति पद की शपथ से पहले ही ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां भी कर दी हैं। उन्होंने अपनी कैबिनेट में भारतवंशी विवेक रामास्वामी को भी स्थान दिया है। ट्रंप ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स, टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएन्सी (डीओजीई) का प्रमुख बनाया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए एलन मस्क को ‘ग्रेट एलन मस्क’ कहा है और विवेक रामास्वामी को ‘देशभक्त अमेरिकी’ बताया है। बता दें, कि विवेक रामास्वामी को चीन का कट्टर आलोचक माना जाता है। उनका मानना है, कि चीन की नीतियां अमेरिका के कारोबार को लेकर सही नहीं है और अमेरिका को चीन पर निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करना होगा।
डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान के बाद रामास्वामी एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। तमिल भाषी ब्राह्मण परिवार में जन्में विवेक रामास्वामी कई मौकों पर अमेरिका में हिंदू धर्म का प्रचार कर चुके हैं। बायोटेक कारोबारी और लेखक 39 वर्षीय विवेक रामास्वामी टेक सेक्टर के बड़े बिजनेसमैन हैं। उनके माता-पिता केरल से अमेरिका जाकर बस गए थे। उनका लालन-पालन ओहायो में हुआ।
गौरतलब है, कि विवेक रामास्वामी इस बार रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के दावेदार थे। हालांकि अंतिम समय में वह जरूरी चंदा नहीं जुटा पाए और अपनी ही पार्टी के बड़े नेता डोनाल्ड ट्रंप से पिछड़ गए थे। बता दें, कि येल यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट रामास्वामी ने 2014 में बायोटेक कंपनी Roivant Sciences की स्थापना की थी, जो दवाइयों के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों से पेटेंट खरीदती हैं। उन्होंने 2021 में इस कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था।
फोर्ब्स मैगजीन के अनुसार, वर्ष 2023 में उनकी कुल संपत्ति 63 करोड़ डॉलर के आसपास थी। साल 2016 में रामास्वामी ने रोइवेंट की सहायक कंपनी मायोवेंट साइंसेज को लॉन्च किया था। इस कंपनी का उस साल आईपीओ आया था। यह उस वक्त तक का अमेरिका का सबसे बड़ा बायोटेक आईपीओ था।