जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, आसिफ इकबाल और सफूरा जरगर समेत अन्य 11 आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (28 मार्च 2023) को निचली अदालत का निर्णय पलटते हुए अपना फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 11 में से 9 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए।
उल्लेखनीय है, कि इससे पूर्व निचली अदालत ने 11 आरोपितों को आरोपमुक्त कर किया था। इसके बाद निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कोर्ट का फैसला सुनते हुए कहा, कि शांतिपूर्ण रूप से एकत्रित होने के अधिकार में कुछ प्रतिबंधों के अधीन है और हिंसा करना या हिंसक भाषण देना किसी भी सूरत में उस अधिकार में संरक्षित नहीं होते है।
Accused Mohd Qasim, Mahmood Anwar, Shazar Raza, Umair Ahmed, Mohd Bilal Nadeem, Sharjeel Imam, Safoora Zargar and Chanda Yadav have been charged under different sections related to riots.
— ANI (@ANI) March 28, 2023
उच्च न्यायालय ने कुछ आरोपितों पर आरोप तय करते हुए कहा, “वीडियो के शुरू में ही दिख रहा है, कि भीड़ की पहली पंक्ति में खड़े होकर लोग दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और हिंसात्मक तरीके से बैरिकेड को धक्का दे रहे थे। हाईकोर्ट ने मोहम्मद कासिम, अनवर, शहजर राणा खान, उमर अहमद, मोहम्मद बिलाल नदीम, शरजील इमाम, सफूरा जरगर और चंदा यादव के विरुद्ध आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186, 353, 427 और प्रीवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 के अंतर्गत आरोप तय किए है।
वहीं मोहम्मद शोएब और मोहम्मद अबुजर पर आईपीसी की धारा 143 लगाई गई है, जबकि अन्य सभी धाराओं से कोर्ट ने उनको बरी कर दिया है, जबकि आरिफ इकबाल तन्हा को धारा 308, 323, 341 और 435 से बरी किया गया है। बाकी सब धाराओं में उसपर आरोप तय किये गए है।
Mohd Qasim, Mahmood Anwar, Shahzar Raza, Umair Ahmed, Mohd Bilal Nadeem, Sharjeel Imam, Chanda Yadav, Safoora Zargar charged under sections 143, 147, 149, 186, 353, 427 of the IPC as well as sections of the Prevention of Damage to Public Properties act.
— Bar & Bench (@barandbench) March 28, 2023
उल्लेखनीय है, कि दिसंबर 2019 में जामिया नगर इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (CCA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी। शरजील इमाम पर जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने के संगीन आरोप लगे थे। शरजील इमाम अभी जेल में बंद है।
इसके साथ ही शरजील इमाम पर वर्ष 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप भी लगे है। शरजील पर 16 जनवरी 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में भी मुकदमा दर्ज हुआ था। शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था। इस भड़काऊ भाषण के लिए शरजील के ऊपर दिल्ली के साथ-साथ असम, यूपी, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में देशद्रोह के मामले दर्ज है।