श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव की धूम पूरे राष्ट्र में नजर आने लगी है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस साल अष्टमी तिथि 11 और 12 अगस्त दो दिन तक रहेगी। इसलिए कुछ स्थानों पर मंगलवार तो कहीं पर बुधवार को जन्माष्टमी मनायी जाएगी।
जन्माष्टमी का पर्व इस बार खास भी है क्योंकि 27 साल बाद एक बेहद अद्भुत संयोग बन रहा है। इस साल जन्माष्टमी तिथि को लेकर लोग काफी दुविधा में हैं कुछ लोग 11 अगस्त तो कुछ 12 अगस्त को जन्माष्टमी मानकर चल रहे हैं।
इस बार जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा। तथा उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जो 13 अगस्त तक रहेगा। 11 अगस्त को गृहस्थ लोग, पारिवारिक लोग जन्माष्टमी का व्रत रख सकेंगे। जबकि बुधवार 12 अगस्त को उदया तिथि में वैष्णव जन के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। मथुरा और काशी में जितने भी मंदिर है वहां पर 12 तारीख को ही जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जायेगा।
कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण जो की प्रभु श्रीराम के बाद भगवान विष्णु के आठवे अवतार थे। उनका जनमोत्सव है। प्रभु श्री कृष्ण के भगवद्गीता के उपदेश युगो युगो से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी का पवन पर्व भारत में हीं नहीं बल्कि पुरे विश्व में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं।