उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को सर्वोच्च न्यायालय से सशर्त जमानत मिलने के बाद बुधवार (14 सितम्बर 2022) को हरिद्वार जिला कारागार से रिहा हो गए है। इस दौरान उन्हें जिला कारागार में लेने पहुंचे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी समेत कई संतो ने जेल के बाहर उनका स्वागत किया गया। बता दें, सुप्रीम कोर्ट से बीते सोमवार को जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की सशर्त जमानत मंजूर हुई थी।
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी हुए जेल से रिहा।हेट स्पीच के मामले में हुई थी गिरफ्तारी।साधु –संतो ने जेल से निकलकर किया वसीम रिजवी का स्वागत #WaseemRizvi #HaridwarCourt pic.twitter.com/OREaWXYxjs
— Rahul Sisodia (@Sisodia19Rahul) September 14, 2022
रोशनाबाद जेल से सशर्त जमानत पर रिहा हुए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का संतो ने शॉल और पुष्प माला पहनाकर स्वागत और अभिनंदन किया। जितेंद्र त्यागी ने अपनी रिहाई के बाद कहा, कि वे अब हिंदू सनातन समाज के लिए कार्य करना चाहते है। मदरसों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कि मदरसों को लेकर वह पहले भी अपना बयान दे चुके है, और आज भी वह अपने उसी बयान पर कायम है, कि मदरसों की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है, कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच उत्तरी हरिद्वार वेद निकेतन में आयोजित धर्म संसद में कथित नफरती भाषण देने का आरोप लगा था। सोशल मीडिया पर भाषण का वीडियो वायरल होने पर 27 दिसंबर को नगर कोतवाली में जितेंद्र त्यागी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। इसी वर्ष 13 जनवरी को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर हरिद्वार जेल भेज दिया था।
29 अगस्त को शीर्ष अदालत ने हरिद्वार हेट स्पीच मामले में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को चिकित्सा आधार पर 17 मई को तीन महीने के लिए दी गई अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया था, और उन्हें 02 सितंबर तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीते तीन सितंबर को जितेंद्र त्यागी ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र त्यागी की जमानत सशर्त मंजूर कर दी थी।