समुद्र तल से 6150 फिट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ नगर में भूस्खलन और जमीन धंसने को लेकर स्थानीय निवासी बेहद चिंतित है। जोशीमठ शहर ‘हर पल – हर घड़ी’ दरक रहा है। शहर के 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी है। जोशीमठ में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने भविष्य को लेकर आशंकित है। सुरक्षा के मद्देनजर स्थानीय लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार (9 जनवरी 2023) को जोशीमठ में आपदा प्रभावितों से भेंट की। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा, कि एक वर्ष से लगातार भू-धंसाव होने से घरों में दरारें आ रही है। इसके संबंध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, कि पौराणिक जोशीमठ शहर में भू-धंसाव प्रभावित नागरिकों को धैर्य और मनोबल समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, कि हमने भिन्न – भिन्न विशेषज्ञता वाले लोगों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, कि प्रभावितों की जो भी समस्या है, उसका समाधान निकाला जाए।
Joshimath land subsidence | Affected people need patience & morale support. We've invited people with different expertise – from astrologers to dharma shastris. They've told us about the rituals to protect Jyotirmath. We'll begin rituals today: Swami Avimukteshwaranand Saraswati pic.twitter.com/hhpDRlR2O7
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 9, 2023
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “प्रभावित लोग इस समय अपना धैर्य और मनोबल मजबूत बनाएँ रखें। हमने कई ज्योतिषियों और धर्मशास्त्रीयों को बुलाया है।” शंकराचार्य ने कहा, “उन्होंने हमें जोशीमठ को बचाने के लिए अनुष्ठानों के बारे में बताया है। हम आज से ये अनुष्ठान शुरू करेंगे।”
उल्लेखनीय है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ को बचाने के लिए सभी सामाजिक, राजनीतिक संगठनों से एक टीम के तौर पर कार्य करने का अनुरोध किया। सीएम धामी ने कहा, “हम सभी की पहली प्राथमिकता जोशीमठ को बचाना और लोगों की जान माल की रक्षा करना है। 68 घर जो खतरे की जद में थे, उन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। पीएम मोदी भी इसकी निगरानी कर रहे है और उन्होंने हर संभव सहायता का भरोसा दिया है।”
#WATCH | We've appealed to everyone to work as a team & save #Joshimath. (People of) 68 houses that were in danger have been shifted. A zone of over 600 houses has formed & efforts are underway to shift them. PM is also monitoring it &has assured all possible help: Uttarakhand CM pic.twitter.com/7QorJeBD9d
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 9, 2023
बता दें, इस भू-धंसाव और भूस्खलन की चपेट में पौराणिक जोशीमठ नगर का 40 फीसदी भाग आ चुका है। प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया है, जो भू-धँसाव से हुए नुकसान का विस्तृत अध्ययन कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार (8 जनवरी 2023) को जोशीमठ में भूस्खलन और भू-धंसाव की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए सीएम पुष्कर धामी से फोन पर बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने उत्तराखंड को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।