केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है। इसके साथ ही बीजेपी, कांग्रेस सहित छह उम्मीदवारों के राजनीतिक जीवन का फैसला मतदाताओं ने ईवीएम में कैद कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार (20 नवंबर 2024) की शाम 5 बजे तक 58.25 प्रतिशत मतदान हो चुका है। केदारनाथ उपचुनाव के लिए 23 नवंबर को मतगणना होगी।
बता दें, कि इस वर्ष 9 जुलाई को केदारनाथ विधानसभा सीट से विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोपहर 3 बजे तक 47 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, दोपहर बाद भी मतदान केंद्रों पर वोटिंग के लिए लंबी लाइन लगी रही। मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहा, मतदान के लिए 173 पोलिंग बूथ बनाए गए थे।
उल्लेखनीय है, कि इस बार पिछले दो विधानसभा चुनावों से ज्यादा मतदान हुआ है। केदारनाथ उपचुनाव में रिकॉर्ड मतदान से भाजपा बेहद उत्साहित है और प्रचंड जीत का दावा कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे सरकार के विरोध में जनता का जनादेश बताया है और अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है।
दरअसल, केदारनाथ उपचुनाव मात्र एक विधानसभा चुनाव नहीं है। इस सीट पर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिष्ठा के साथ ही विचारधारा भी दांव पर लगी है। वहीं कांग्रेस की हसरत केदारनाथ में जीत के साथ 2027 के लिए जनता को एक बड़ा संदेश देने की है। लोकसभा चुनाव में पांचों सीट हारने के बाद कांग्रेस के हौसले पस्त थे, लेकिन बदरीनाथ व मंगलौर उपचुनाव में जीत ने उसे संजीवनी दी है।
बता दें, कि केदारनाथ सीट पर अब तक हुए विधानसभा चुनाव में तीन बार भाजपा विजयी रही जबकि दो बार कांग्रेस ने बाजी मारी। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान ने भी केदारघाटी में समीकरण बदलने की संभावना जताई है। जो बीजेपी और कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकता है। इस सीट पर दिवंगत आशा नौटियाल वर्ष 2002 और 2007 केदारनाथ सीट से विधायक रह चुकी है।