उत्तर प्रदेश की लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) में हिंदी विभाग के प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मंगलवार (10 मई, 2022) को एक कार्यक्रम में बहस के दौरान प्रोफेसर पर वाराणसी स्थित ज्ञानव्यापी मस्जिद और बाबा विश्वनाथ मंदिर के विषय में विवादित टिप्पणी के गंभीर आरोप लगे है। इधर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी संगठन के छात्रों ने प्रोफेसर का घेराव किया और यूनिवर्सिटी प्रशासन से बर्खास्तगी की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्त्ताओं ने प्रोफेसर रविकांत चंदन के खिलाफ मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। एबीवीपी के छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा, कि प्रोफेसर ने बनारस के ज्ञानव्यापी मस्जिद मामले पर अभद्र टिप्पणी की है, जिसका हवाला एक किताब से दिया है। छात्रों ने कहा, कि जिस तरीके से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, उसको लेकर काफी रोष है। ऐसे शिक्षक को यूनिवर्सिटी में रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रोफेसर को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
इससे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्त्ताओं ने हिन्दी विभाग के सामने जमकर नारेबाजी करते हुए प्रो. रमाकांत से अभद्र टिप्पणी पर माफी की मांग की। हंगामा बढ़ता देख विवादित टिप्पणी करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर को सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रॉक्टर कार्यालय में ले गई। इस दौरान लगभग चार घंटो तक प्रो. रमाकांत के खिलाफ प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर लगातार एबीवीपी के कार्यकर्त्ता नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करते रहे। चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी द्वारा आक्रोशित छात्रों को समझाने के बाद सुबह 11 बजे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शाम के पांच बजे समाप्त हुआ।
प्रोफेसर के खिलाफ हसनगंज थाने में धार्मिक भावनाएँ भड़काने और सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार कर विश्विद्यालय की छवि खराब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। देर शाम हसनगंज थाने में प्रो. रविकांत के विरुद्ध एबीवीपी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमन दुबे ने मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर धारा 153 ए, 504, 505 (2) एवं 66 के तहत दर्ज की गई है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी प्रोफेसर से स्पष्टीकरण माँगा है और तीन दिनों के भीतर छात्रों की शिकायतों का लिखित जवाब देने को कहा है।