मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर चल रहा सस्पेंस आखिरकार समाप्त हो गया है। बीजेपी पर्यवेक्षकों ने विधायकों से गहन विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्री का फैसला कर दिया है। सोमवार (11 दिसंबर, 2023) को भाजपा विधायक दल की बैठक में इस निर्णय पर मुहर भी लग गई है। गौरतलब है, कि उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए मोहन यादव विधायक दल की बैठक के दौरान तीसरी पंक्ति में में बैठे हुए थे और जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई, वे स्वयं अचंभित रह गए।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “यह केवल भाजपा ही है जो एक छोटे से कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मैं राज्य नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं, मैं प्रधानमंत्री मोदी के विकास कार्यों को आगे बढ़ाऊंगा।”
#WATCH मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "यह केवल भाजपा ही है जो एक छोटे से कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मैं राज्य नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं… मैं प्रधानमंत्री मोदी के विकास कार्यों को आगे बढ़ाऊंगा।" pic.twitter.com/EAMU2natOr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2023
उल्लेखनीय है, कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखा था। विधायक दल की बैठक होने के बाद मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई गई। मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव संघ के करीबी माने जाते है। शिवराज मंत्रिमंडल में वह उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके है। वह वर्ष 2013 में पहली बार विधायक चुन कर आए थे।
बता दें, कि यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में यादव समाज की अच्छी-खासी जनसंख्या है। आमतौर पर यादव समाज को लालू प्रसाद यादव की राजद और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी जैसे ही दलों का वोटर माना जाता रहा है। हालांकि, भाजपा ने मध्य प्रदेश में यादव सीएम बनाकर पूरे देश में एक बड़ा संदेश दिया है। बीजेपी नेतृत्व का ये कदम आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी को बड़ी बढ़त दिला सकता है।