प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (11 अक्टूबर 2022) को उज्जैन स्थित ‘श्री महाकाल लोक’ को राष्ट्र को समर्पित किया। महाकाल लोक प्रोजेक्ट के प्रथम चरण से श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इस वृहद परियोजना का लक्ष्य सम्पूर्ण क्षेत्र में अनियंत्रित भीड़ को कम करना और विरासत के संरक्षण में सहयोग करना है। सम्पूर्ण परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने उज्जैन, मध्य प्रदेश में श्री महाकाल लोक का अनावरण किया।#ShriMahakalLok pic.twitter.com/MKLkd18k1e
— BJP (@BJP4India) October 11, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्री महाकाल लोक’ के उद्घाटन अवसर पर उज्जैन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते है, और महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। पीएम मोदी ने कहा, कि उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म है, और यहां ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है।
In addition to the Shree Mahakaleshwar Temple, the #ShriMahakalLok is yet another reason why you all must visit Ujjain! pic.twitter.com/rCPupmwl1o
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग स्थापित है, यहां 4 महावीर है, 6 विनायक है, 8 भैरव है, नवग्रह है,10 विष्णु है, 11 रुद्र है, 12 आदित्य है, 24 देवियां है समेत 88 तीर्थ है, और इन सबके केंद्र में महाकाल विराजमान है। पीएम मोदी ने कहा, कि ये वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की। महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय है। सब कुछ अलौकिक है। उज्जैन भारत की आस्था का केंद्र रहा है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, कि शिव ही ज्ञान है, ज्ञान ही शिव है। शिव के दर्शन में ही ब्रह्मांड का सर्वोच्च दर्शन है। हमारे ज्योतिर्लिंगों का विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति का विकास है। भारत के ज्ञान और दर्शन का विकास है। उन्होंने कहा, कि भारत का सांस्कृतिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व का मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है। भगवान महाकाल एकमात्र ऐसे ज्योतिर्लिंग हैं, जो कि दक्षिणमुखी है।
PM Shri @narendramodi's speech at inauguration of Shri Mahakal Lok in Ujjain, Madhya Pradesh. #ShriMahakalLok https://t.co/5oBn8p7Xiw
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महाकाल कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुँचने के लिए भी ये जरूरी है, कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो।
उल्लेखनीय है, कि मध्य प्रदेश में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। बताया जा रहा है, विस्तार पूर्ण होने के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से आकार में चार गुना बड़ा होगा। बता दें, काशी विश्वनाथ कॉरीडोर 5 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
श्री महाकाल लोक पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के तट किनारे विकसित किया जा रहा है। इस स्थान पर भगवान शिव, देवी सती समेत अन्य पौराणिक धार्मिक इतिहास से जुड़ी लगभग 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए है। बताया जा रहा है, कि श्रद्धालु प्रत्येक भित्ति चित्र की कथा इस पर मोबाइल से स्कैन कर सुन सकेंगे।
श्री महाकाल लोक में सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं स्थापित है। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है। महाकालेश्वर मंदिर विकास परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के उज्जैन में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।