5 नवम्बर 2013 को प्रक्षेपण और 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के बाद लगभग आठ साल बाद भारत के ऐतिहासिक मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) यानी मंगलयान की बैट्री और ईंधन खत्म हो गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों के अनुसार, मंगलयान से संपर्क खत्म हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के मार्स आर्बिटर यान (India’s Mars orbiter craft) ने अपनी कक्षा में आठ साल पूरे कर लिए हैं, जो इसके छह महीने के डिजाइन किए गए मिशन लाइफ से काफी आगे है। हालांकि, मंगल ग्रह (Red Planet) पर ‘मंगलयान’ मिशन (Mangalyaan Mission) पर अनुवर्ती योजना को अभी तक सुनिश्चित नहीं किया गया है।
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India’s Mars Orbiter Mission — #MOM — which was designed to last for 6 months when launched on Nov 5, 2013, has lost communication with the ground station, bringing an end to its life after 8 long years. 1/n
Pics: 1st image & Mars dust (isro) pic.twitter.com/Lv34PrHHQf
— Chethan Kumar (@Chethan_Dash) October 2, 2022
उल्लेखनीय है, कि मंगलयान को 2013 में PSLV-C25 के माध्यम से भारत के पहले इंटरप्लेनेटरी मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था, जिससे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) पृथ्वी की कक्षा से बाहर इस तरह के मिशन को लॉन्च करने वाली दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई।
भारत के मार्स आर्बिटर एक डेमो मिशन था, जिसका लक्ष्य यह स्थापित करना था, कि भारत दूसरे ग्रह के लिए एक मिशन को डिजाइन, लॉन्च और संचालित कर सकता है। बता दें, सिर्फ 450 करोड़ रुपये में विकसित भारत का मंगल ग्रह पर ये ऐतिहासिक मिशन अब तक डिजाइन किए गए सबसे ज्यादा किफायती इंटरप्लानेटरी मिशनों में से एक था।
मार्स आर्बिटर मिशन (MOM), एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उद्यम, राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन है। मंगलयान को 5 नवंबर, 2013 को लान्च किया गया था। इसे 24 सितंबर, 2014 को पहले प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया गया था।