उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक हिन्दू नाबालिग लड़की को एक मुस्लिम युवक और उसके परिजनों ने सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि 17 वर्षीय लड़की अपना धर्म नहीं बदलना चाहती थी। लव जिहाद से जुड़े इस मामले में पहले आरोपित ने षड्यंत्र के तहत किशोरी को प्रेमजाल में फंसाया। इसके बाद पीड़िता पर इस्लाम कबूलने का दबाव डाला गया। जब नाबालिग ने इससे साफ इंकार किया, तो आरोपित ने अपने परिवार वालो के साथ मिलकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी के लखीमपुर खीरी के पढुआ थाना क्षेत्र के गाँव गोरिया की रहने वाली एक 17 वर्षीय हिन्दू नाबालिग 25 जनवरी, 2025 को लापता हो गई थी। उसके घरवालों ने आस-पास के इलाकों में काफी खोजबीन की, लेकिन नाबालिग का कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद पीड़ित परिवार पुलिस के पास पहुँचा। उन्होंने एक स्थानीय युवक पर आरोप लगाते हुए उसके साथियों का नाम देते 11 लोगों के खिलाफ शिकायत लिखवाई।
मामला लव जिहाद से जुड़ा होने के चलते हिन्दू संगठन भी इस मामले में सक्रिय हुए। तब पुलिस ने इस विषय में गंभीरता से जाँच की, तो पता चला कि आसिफ नाम का एक युवक अपने साथ हिन्दू नाबालिग को लेकर गया है। उसका एक सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिला। जब इस मामले में अपहरण और हत्या की परतें खुलनी शुरू हुई, तो आरोपितों के खौफनाक मंसूबे भी सामने आ गए।
पुलिस के अनुसार, आरोपित आसिफ उर्फ छोटू व किशोरी पिछले काफी वक्त से एक दूसरे को जानते थे। लखीमपुर खीरी में दोनों के घर भी आसपास ही स्थित है। इसी बीच आसिफ ने नाबालिग किशोरी को प्रेमजाल में फंसा लिया और देहरादून में शादी कर यहीं बसने का झांसा दिया, लेकिन किशोरी को यह नहीं पता था, कि आसिफ उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसे मुस्लिम बनाने का षड्यंत्र रच रहा था।
इसी बीच जब आरोपितों को लगा, कि किशोरी मतांतरण के दबाव में नहीं आएगी, तो वह उसे जंगल में ले गए और गला दबाकर मार डाला। वह शव को ऐसे ठिकाने लगाना चाहते थे, जिससे जानवर उसे नोच खाएं और अवशेष भी न मिलें। इसके लिए उन्होंने शव को गहरी खाई में फेंका, लेकिन शव एक पेड़ पर अटक गया। उन्हें लगा कि शव खाई में गिर गया है और वह बेफिक्र होकर घर लौट आए।
26 जनवरी को आरोपित आसिफ किशोरी को लखीमपुर खीरी से बाइक पर बैठाकर पहले बिजनौर लाया। रात में दोनों वहीं रुके और अगले दिन 27 जनवरी की शाम देहरादून पहुंचे। सीसीटीवी फुटेज में आसिफ व किशोरी बाइक पर जाते दिखे। पुलिस भी उनके पीछे-पीछे बिजनौर और उसके बाद बुधवार रात देहरादून पहुंच गई और आसिफ के साथियों की धरपकड़ की।
देहरादून से गिरफ्तार आसिफ के सगे भाइयों ने पुलिस को पूछताछ में बताया, कि जब किशोरी ने धर्म परिवर्तन से मना किया तो उन्होंने उसे मौत के घाट उतारने की योजना बना ली। इसी बीच आरोपित किशोरी को किसी बहाने से कंडोली के जंगल में ले गए। यहां एक किलोमीटर पैदल चलकर अंदर घने जंगल में पहुंचकर सभी आरोपितों ने मिलकर किशोरी की चुन्नी से गला दबाकर बेरहमी से हत्या कर दी।
इसके बाद आरोपियों ने शव को खाई में फेंक दिया। हालांकि नीचे फेंकते वक्त शव पेड़ से अटक गया, लेकिन आरोपितों ऐसा लगा, कि शव गहरी खाई में जा चुका है और उसका कुछ पता नहीं लगेगा। ऐसे में वह बेखौफ वापस घर आ गए। बुधवार देर रात जब लखीमपुर खीरी व दून पुलिस उनके घर पहुंची तो उन्होंने पूछताछ के दौरान सब उगल दिया।
किशोरी के शव की तलाश में लखीमपुर खीरी व प्रेमनगर थाना पुलिस ने लगभग चार घंटे तक जंगल में टॉर्च की रोशनी में सर्च अभियान चलाया। घना जंगल और रात के अँधेरे के चलते आरोपित भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे पाए। बताया जा रहा है, कि रात 11 बजे शुरू हुए सर्च अभियान में किशोरी का शव गुरुवार तड़के तीन बजे मिला। किसी तरह पुलिस ने शव को खाई से निकाला और पोस्टमार्टम के लिए कोरोनेशन अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस के अनुसार, मृतक के शरीर पर चोटों के निशान हैं और कपड़े भी फटे हुए थे। शव तीन दिन पुराना होने के चलते स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि किशोरी के साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं। फोरेंसिक टीम ने स्लाइड बनाकर फोरेंसिक साइंस लैब भेजी है। पुलिस के अनुसार, फोरेंसिक जांच के बाद ही दुष्कर्म की पुष्टि हो पाएगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 27 जनवरी की रात किशोरी की हत्या के बाद मुख्य आरोपित आसिफ देहरादून से फरार हो गया। आरोपित लंबे समय से देहरादून में मकान के लेंटर के लिए शटरिंग का काम कर रहे थे। इसके चलते आरोपित देहरादून के सभी इलाकों से भलीभांति परिचित थे। यहीं वजह रही, कि उन्होंने कत्ल के लिए देहरादून स्थित कंडोली के घने जंगल को चुना।