देश को एक बार फिर नई सरकार मिलने जा रही है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) द्वारा पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बाद नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून 2024) को प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने जा रहे है। इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी ऐसे ऐतिहासिक नेता बन जाएँगे, जिन्हें लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का अवसर प्राप्त हुआ है।
रविवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर एनडीए के घटक दलों के नेता सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री से लेकर सफाईकर्मियों तक को न्योता भेजा गया है। समारोह में एशिया की पहली लोको पायलट सुरेखा यादव भी शामिल होगी। वहीं, भारत के पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी इसमें शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया है, जिसे संबंधित पक्ष द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए विशिष्ट अतिथियों के आगमन की शुरुआत बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के साथ हो गई है। साथ ही श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
शपथ ग्रहण समारोह में विश्व भर के दिग्गज नेताओं, सफाईकर्मी, ट्रांसजेंडर और सेंट्रल विस्टा परियोजना में काम करने वाले श्रमिक भी विशेष अतिथियों में शामिल होंगे। विशेष आमंत्रितों में केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी और विकसित भारत के एंबेसडर भी होंगे। वंदे भारत और मेट्रो ट्रेनों पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है।
एक अनुमान के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में कुल 8,000 मेहमान शामिल हो सकते है। इस शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इसे पड़ोसी देशों के प्रति भारत की प्राथमिकता के तौर पर देखा जा रहा है।
विदेश नीति के विशेषज्ञों की माने, तो प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत का फोकस एक बार फिर पड़ोसी देशों पर रहेगा और भारत उनसे बेहतर संबंध स्थापित करेगा। श्रीलंका, मालदीव, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश ऐसे पड़ोसी हैं, जिन्हें भारत के खिलाफ लंबे समय से इस्तेमाल करने की रणनीति पर दुश्मन देश काम करता रहा है। बताया जा रहा है, कि भारत इन देशों से संबंधों को और घनिष्ठ बनाकर चीन के मंसूबे नाकाम करेगा।