केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (16 अगस्त 2023) को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए 14,903 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। फ्यूचर स्किल प्राइम कार्यक्रम के अंतर्गत 6.25 लाख सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों को पुनः कौशल से लैस किया जाएगा और उनका कौशल विकास किया जाएगा। साथ ही ‘सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (आईएसईए) कार्यक्रम के अंतर्गत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा।
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया, कि विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना इस कार्यक्रम के पिछले संस्करण के तहत किए गए कार्यों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट बैठक में 14,903 करोड़ रुपये के व्यय के साथ विस्तारित डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को स्वीकृति दी है।”
Today’s Cabinet decision on the expansion of the Digital India programme is a testament to our commitment towards a technologically empowered India.
It will boost our digital economy, provide better access to services and strengthen our IT ecosystem. https://t.co/DKMSpngdSj https://t.co/vYz6kBk3BD
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2023
पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, कि विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) में नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। एनसीएम के तहत पहले ही 18 सुपर कंप्यूटर लगाए जा चुके है। उन्होंने कहा, कि स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए तीन उन्नत उत्कृष्टता केन्द्र बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त उमंग ऐप पर मिल रही सरकारी विभाग की 1700 सेवाओं का विस्तार करके 540 और सेवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।
इसके साथ ही 12 करोड़ कॉलेज छात्रों के लिए साइबर-अवेयरनेस के कोर्सेज लाने की भी घोषणा की गई है। इस योजना के तहत साइबर सिक्योरिटी पर खास फोकस किया जाएगा, मसलन ‘नेशनल साइबर को-ऑर्डिनेशन सेंटर’ से 200 से भी अधिक टूल्स और इंस्टेग्रेशन्स विकसित किए जाएँगे। पीएम मोदी ने कहा, कि केंद्रीय कैबिनेट का यह निर्णय तकनीकी रूप से सशक्त भारत की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का सबूत है। उन्होंने कहा, कि इससे न सिर्फ डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आईटी सेवाओं तक पहुँच भी आसान होगी और हमारा आईटी इकोसिस्टम भी मजबूत होगा।
जानकारी के लिए बता दें, कि मोदी सरकार ने जुलाई 2015 में ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत देश के नागरिकों तक अधिक से अधिक ऑनलाइन सेवाएँ पहुँचाने, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने और डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया था। साथ ही देश के दूर-दराज के गाँवों को इंटरनेट से जोड़ा गया। ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए गए। इससे भारत में इंटरनेट का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है।