मोदी सरकार ने विदेश पढ़ने जाने वाले गरीब मेधावी छात्रों के हित में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (6 नवम्बर, 2024) को हुई एक बैठक में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत विदेशी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के इच्छुक छात्रों को बिना किसी गारंटी और बिना संपत्ति गिरवी रखे लोन उपलब्ध कराया जायेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को स्वीकृति दे दी गई है। मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को 10 लाख तक का ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
#Cabinet approves PM-Vidyalaxmi scheme to provide financial support to meritorious students so that financial constraints do not prevent any youth of India from pursuing quality higher education
Under the scheme, any student who gets admission to a Quality Higher Education… pic.twitter.com/Z8C3fllXuo
— PIB India (@PIB_India) November 6, 2024
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया, कि किसी भी अच्छे विदेशी संस्थान में प्रवेश पाने वाले छात्र इस योजना का लाभ उठा सकेगा। इस योजना के तहत सरकार ₹7.5 लाख तक के लोन पर 75% डिफाल्ट गारंटी भी देगी। उन्होंने बताया, कि योजना के तहत पात्र छात्रों को पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से संपार्श्विक-मुक्त, गारंटर-मुक्त ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
योजना के अंतर्गत उन छात्रों का ब्याज पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा, जिनकी कमाई ₹4.5 लाख से कम है। सरकार ने बताया है, कि इस योजना से प्रत्येक वर्ष 22 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा। छात्र शिक्षा ऋण के लिए एकीकृत पोर्टल “पीएम-विद्यालक्ष्मी” पर आवेदन कर सकते हैं और ब्याज छूट के वितरण के लिए भी अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक इस योजना के तहत 3600 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे लाखों छात्रों को लाभ होगा। इस योजना के तहत खासतौर तकनीकी और प्रोफेशनल कोर्स करने वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।