वैश्विक महामारी कोरोना के साये के बीच दुनिया के कई देश मंकीपॉक्स नामक रहस्यमयी वायरस की चपेट आ गए है। WHO ने मंकीपॉक्स पर चिंता व्यक्त की है। WHO के अनुसार, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका के बाद अब मंकीपॉक्स के केस भारत में भी समाने आने लगे है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है, कि मंकीपॉक्स के मामले और बढ़ सकते है। मंकीपॉक्स को लेकर एक नया दावा किया जा रहा है, कि ये वायरस यौन संबंधों की वजह से भी फैल रहा है।
वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी की मार से उबर रहे लोगों को अब मंकीपॉक्स नाम के वायरस का खौफ सताने लगा है। WHO ने अब तक कनाडा, इजराइल, अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत एक दर्जन से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के 90 से अधिक केस दर्ज किए गए है। मंकीपॉक्स को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी चिंता व्यक्त की है। बाइडेन ने कहा, कि मंकीपॉक्स के मामलों में अचानक तेजी आना चिंता का बात है। हालांकि अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है, कि मंकीपॉक्स से दुनिया में कोरोना जैसी महामारी नहीं फैलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के एडवाइजर डॉ डेविड हेमैन ने न्यूज एजेंसी AP को बताया, कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण फैलने के कारण स्पेन और बेल्जियम में हुई दो रेव पार्टीज हो सकती है। बता दें, रेव पार्टी एक ऐसा समारोह होता है, जहां खाना-पीना, नाच-गाना और सेक्स समेत नशीले पदार्थो का भी इस्तेमाल होता है। स्पेन की राजधानी मैड्रिड में वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार एनरिक रुइज एस्कुडेरो के अनुसार, हाल ही में हुए एक गे प्राइड इवेंट के बाद अब तक मंकीपॉक्स के 30 मामले सामने आ चुकी है। इस गे इवेंट में लगभग 80,000 लोगों ने भाग लिया था। इस वजह से स्वास्थ्य अधिकारी मंकीपॉक्स और इवेंट के एंगल से भी जांच कर रहे है।
As of this Monday, there have been over 100 new confirmed cases of monkeypox reported in 14 countries in a recent outbreak — and some experts are pointing to gay gathering spots in Spain as its possible origin. https://t.co/qRLvwlEzmA
— Plus Magazine (@HIVPlusMag) May 24, 2022
WHO के इमरजेंसी डिमार्टमेंट के हेड रहे डॉ डेविड हेमन ने मीडिया को बताया, कि यौन संबंधों की वजह से इस बीमारी का फैलाव हुआ है। मंकीपॉक्स चेचक के वायरस परिवार से ताल्लुक रखता है। यह किसी संक्रमित व्यक्ति या उसके कपड़ों या चादरों के संपर्क के माध्यम से फैल सकता है, लेकिन अभी तक यौन जनित संक्रमण के साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। इस बीमारी के दौरान अधिकाँश मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है, और रोगी कुछ सप्ताह के भीतर ही बीमारी से ठीक हो जाते है।
विशेषज्ञों के अनुसार, चेचक के खिलाफ वैक्सीन मंकीपॉक्स को रोकने में भी असरकारी है और कुछ एंटीवायरल दवाएँ भी विकसित की जा रही हैं। डॉ. फहीम ने का कहना है, कि मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर खतरनाक नहीं होता है और कोरोना वायरस से कम संक्रामक होता है।