मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने अपनी नई रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की जमकर प्रशंसा की है। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में बताया, कि पिछले दस वर्षो में भारत के किन क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, और साथ ही ये भी बताया, कि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था के लिए ऐसे कौन से फैक्टर है, जो जोखिम साबित हो सकते है। बता दें, मॉर्गन स्टेनली एक वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म है, जिसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित है।
अमेरिका के ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने अपनी एक रिपोर्ट में जानकारी दी है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है। आज भारत एशिया और ग्लोबल ग्रोथ में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाने को तैयार है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है। यह भारत 2013 से अलग है। 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है।’
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अंतर्राष्ट्रीय निवेश बैंकर मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी के पद संभालने के बाद 2014 से हुए 10 अहम बदलावों का उल्लेख किया है। रिपोर्ट्स में पीएम मोदी को ऐसा नीति निर्माता बताया गया है, जो महंगाई पसंद नहीं करते। वे महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने से लेकर हर तरह के उपाय करने से कदम पीछे नहीं खींचते है।
मॉर्गन स्टेनली इंडिया के प्रबंध निदेशक रिधम देसाई ने कहा, कि विकास दर को बढ़ाने के लिए महंगाई पर नियंत्रण जरूरी है। उन्होंने भारत सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा, जब अमेरिका जैसे विकसित देश महामारी के दौरान महंगाई से निपटने की चुनौती का सामना कर रहे थे। उस कोरोना महामारी के दौरान जब पश्चिमी देश नकदी जारी कर रहे थे, तब भारत गरीबों को निशुल्क भोजन दे रहा था।
उन्होंने कहा, कि भारत ने ऐसी कठिनाइओं से निपटने की नींव जनधन जैसे खाते खोलकर ही कर दी थी। इससे डिटिजल बैंकिंग को बढ़ावा, आधार के साथ बैंकों का जोड़ और फिर सरकारी योजनाओं का सीधा खाते में हस्तांतरण जैसे अहम कार्य हुए। इससे बिचौलिए वाला भ्रष्टाचार समाप्त हो गया। इस तरह आरबीएआई की कोशिशें, लोक कल्याणकारी योजनाएँ और कॉरपोरेशन को लेकर सरकार की माइक्रो पॉलिसी में सुधार ने भारत को आर्थिक मोर्चे पर मजबूत बनाया।
India transformed in less than a decade; different from 2013: Morgan Stanley reporthttps://t.co/hTwlO49uvG
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न्यूज 18 से बात करते हुए रिधम देसाई ने कहा, कि 2024 के लोकसभा चुनावों में ‘खंडित’ जनादेश मिलता है तो इसका प्रभाव देश की प्रगति पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, जब छोटे दलों के साथ गठबंधन सरकार बनाई जाती है तो अर्थव्यवस्था की तुलना में राजनीति प्रबंधन पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है। इसलिए देश को पूर्ण बहुमत वाली सरकार की जरूरत है, जो सिर्फ राजनीति के बजाय अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में 2032 तक भारत में वित्तीय सेवाओं में अभूतपूर्व वृद्धि और अगले कुछ वर्षो में ऊर्जा में उछाल की भविष्यवाणी की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है, कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या जोखिम हो सकते है। इनमें क्रमशः वैश्विक मंदी, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के खंडित जनादेश, आपूर्ति की कमी के कारण कमोडिटी की कीमतों में तेज वृद्धि और कुशल श्रमिकों की सप्लाई जैसे फैक्टर भारतीय की अर्थवयवस्था के लिए जोखिम बन सकते है।
मोर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में 10 बड़े बदलावों का जिक्र भी किया गया है। इनमें सप्लाई साइड पॉलिसी रिफॉर्म, फॉर्मेलाइजेशन ऑफ इकॉनोमी, रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डिवेलपमेंट) एक्ट, बैंकों में सीधा ट्रांसफर और इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, एफडीआई पर फोकस और मल्टीनैशनल कंपनियों की भावनाओं का उल्लेख किया गया है।