मालदीव सरकार के मंत्रियों द्वारा भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों के बाद शुरू हुए विवाद के बीच लक्षद्वीप सुखियों में है। सोशल मीडिया पर यूजर्स लोगों को मालदीव के स्थान पर लक्षद्वीप जाने के लिए प्रेरित कर रहे है। इस बीच भारत सरकार ने लक्षद्वीप में नया एयरपोर्ट बनाने की योजना बनाई है। इसका उपयोग सामरिक और नागरिक दोनों ही उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस आधुनिक एयरपोर्ट का निर्माण लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप में किया जाएगा। हालाँकि पूर्व में भी इसकी योजना बन चुकी है, लेकिन उस वक्त एयरपोर्ट सिर्फ वायुसेना के अड्डे के रूप में विकसित किया जाना था। इस योजना पर काम जल्द ही चालू होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें, लक्षद्वीप में इस समय अगत्ती द्वीप पर ही एक एयरपोर्ट है। नया एयरपोर्ट बनने से पर्यटन की गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
लक्षदीप में बनने वाले एयरपोर्ट का उपयोग वायुसेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड भी कर सकेंगे। इसके कारण हिंद महासागर और अरब सागर में भारत की सामरिक स्थित भी मजबूत होगी। इसके साथ ही हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी। सामरिक रूप से यह क्षेत्र भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
बता दें, मिनिकॉय द्वीप लक्षद्वीप के दक्षिण में स्थित द्वीप है। यह भारत की मुख्य भूमि यानी केरल के तिरुअनंतपुरम के तट से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मिनिकॉय लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इस द्वीप पर लगभग 10,000 की जनसंख्या निवास करती है।
उल्लेखनीय है, कि हाल ही में मालदीव की मोहम्मद मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिनुआ, मालशा शरीफ और अब्दुल्ला मह्जूम समेत पार्टी के अन्य कई सदस्यों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नस्लवादी व अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद जब भारत ने इस मामले में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी, तब मालदीव की सरकार ने इन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया है।
मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था, कि मालदीव की सरकार ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है और यह इन व्यक्तियों के निजी विचार हैं। मालदीव के दो पूर्व राष्ट्रपति और मालदीव की राजनीतिक पार्टियों ने भी मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की कड़ी आलोचना की थी।
मालदीव सरकार के मंत्रियों की अपमानजनक बयानों के कारण भारत में मालदीव के प्रति उबाल आ गया और लोगों ने मालदीव के रवैये की आलोचना शुरू कर दी। भारतीय विदेश मंत्रालय इन टिप्पणियों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए इसे राजनयिक स्तर पर भी उठाया था। मालदीव के हाई कमिश्नर इब्राहीम शहीब को विदेश मंत्रालय ने तलब किया था। मालदीव के हाई कमिश्नर 8 जनवरी, 2024 को सुबह नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय पहुँचे। जहां उन्हें कुछ ही मिनटों में स्थिति से अवगत करा दिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर की गई अपमानजनक टिप्पणियाँ करने के कारण कई बॉलीवुड सितारों और हस्तियों ने मालदीव के रवैये की निंंदा की थी। इसके साथ ही लक्षद्वीप को बढ़ावा देने वाले ट्वीट किए थे। इन ट्विट्स में उन्होंने कहा था, कि वह लोग भी लक्षद्वीप जाएँगे। वहीं, ऑनलाइन ट्रैवल कम्पनी EaseMyTrip ने भी घोषणा की थी, कि वह मालदीव की फ्लाइट टिकट बुक करना बंद कर देंगे।
गौरतलब है, कि मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने मालदीव के मंत्रियों के भारत के खिलाफ दिए गए बयानों की आलोचना की है। भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने भी देश के सभी कारोबारियों से अपील की है, कि वे मालदीव के साथ व्यापार ना करें।