55 वर्षीय महिला ने घरेलू हिंसा (डीवी) अधिनियम के अंतर्गत अगल रह रहे पति से अपनी आयु, सेहत और अपने ऊपर आश्रित तीन कुत्तों की देखभाल के लिए भरण-पोषण की माँग की है। महिला के पास रॉटविलर नस्ल के तीन कुत्ते हैं। महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई की एक कोर्ट ने कहा, कि पालतू जानवर भी एक सभ्य जीवनशैली के अभिन्न अंग हैं और मनुष्य के लिए स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, कि पालतू जानवर संबंधो के टूटने के बाद होने वाली भावनात्मक कमी को पूरा करते है। अदालत ने महिला के पति द्वारा दी जाने वाली भरण-पोषण राशि को कम करने की माँग को खारिज कर दिया। महिला के पति ने कोर्ट में दलील दी थी, उसे व्यापार में नुकसान हुआ है।
बांद्रा के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल सिंह राजपूत ने सुनवाई के दौरान कहा, “पालतू जानवर भी स्वस्थ जीवनशैली के अभिन्न अंग हैं। मनुष्य के स्वस्थ जीवन जीने के लिए पालतू जानवर आवश्यक हैं, क्योंकि वे टूटे रिश्तों के कारण हुई भावनात्मक कमी को पूरा करते हैं, इसलिए, भरण-पोषण की राशि को कम करने का आधार नहीं हो सकता है।”
A Mumbai court has ordered a man to pay maintenance for his ex-wife's 3 Rottweiler pet dogs.
It won't be long before the courts start ordering husbands to pay maintenance for their ex-wives' new partners as well. pic.twitter.com/0NisUrdsOd
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) July 11, 2023
उल्लेखनीय है, कि महिला ने अपनी याचिका में अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के आरोप लगाते हुए ₹70,000 प्रति माह के भरण-पोषण की माँग की थी। अदालत ने 20 जून 2023 को आंशिक रूप से याचिका स्वीकार कर ली और पति को मुख्य मामले के निपटारे तक पत्नी को 50,000 रुपए अंतरिम गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया। अदालत ने पाया, कि दोनों पक्षों की वित्तीय पृष्ठभूमि अच्छी थी।
वहीं पति कोर्ट में अपने इस दावे को साबित नहीं कर पाया, कि उसे कोई व्यावसायिक घाटा हुआ है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा, कि पत्नी को दिया जाने वाला गुजारा भत्ता उसकी जीवनशैली और अन्य आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए। महिला ने अपने आवेदन में कहा था, कि उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं है और उनकी सेहत भी खराब रहती है।
महिला ने कोर्ट को यह भी बताया, कि उसके पास तीन रॉटवीलर नस्ल के कुत्ते है, जो उन पर निर्भर है। इसको देखते हुए महिला ने भरण-पोषण की राशि को बढ़ाने की माँग की। महिला ने अपनी याचिका में यह भी कहा, कि जब दोनों साथ रहते थे तो उसका पति उस पर घरेलू हिंसा करता था। महिला ने यह कहते हुए अपनी भरण-पोषण के लिए माँगी गई राशि को उचित ठहराया कि उसका पति दूसरे मेट्रो शहर में व्यवसाय चला रहा है और उसके पास आय के अन्य स्रोत भी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार दंपति की शादी 1986 में हुई थी और उनकी दो बेटियाँ भी है, जो विदेश में बस गई है। साल 2021 में दंपति के बीच मतभेद पैदा हो गया। इसके बाद पति ने अपनी पत्नी को मुंबई भेज दिया और कहा कि वह उसके भरण-पोषण और अन्य बुनियादी जरूरतें पूरा करेगा। पत्नी का आरोप है, कि इस वादे का उसके पति द्वारा पालन नहीं किया गया।