मध्य प्रदेश के विदिशा जनपद के सिरोंज से बेहद अचंभित कर देने वाला मामला सामने आया है। इस इलाके में एक बकरी ने इंसान की तरह दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पालतू बकरी सिरोंज तहसील के सेमल खेड़ी गाँव के निवासी नबाब खाँ की बताई जा रही है। बकरी के बच्चे का चेहरा चश्मा लगाए बुजुर्ग जैसा लग रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बकरी का बच्चा अभी भी जिंदा है। इस बात की खबर लगते ही मेमने को देखने के लिए आस पास के लोग नबाब खाँ के घर पहुंच रहे है। मेमने का अलग तरह चेहरा होने के कारण उसे दूध पिलाने में दिक्कतें आ रही है। इन परिस्तिथियों में मेमने को सिरिंज की सहायता से दूध पिलाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के सिरोंज का हैरतअंगैज मामला, एक बकरी ने दिया इंसान जैसी शक्ल वाले बच्चे को जन्म😱😱#madhyapradesh #mpnews #sironj #goat #human #reelvideo #reelsinstagram #trendingreelsvideo #birth #animal #viralvideo #madhya_pradesh #india #videoclip #shortvideoreels #Reels pic.twitter.com/HGDL0OHT5A
— News Track (@newstracklive) November 12, 2022
ऑपइंडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सेमलखेड़ी गांव का निवासी नबाब खाँ पेशे से किसान है। उसके पास एक भैंस और 7 बकरियाँ है। इस बकरी ने पहली बार बच्चे को जन्म दिया है। नबाब ने बताया, कि बकरी इस अजीब से दिखने वाले मेमने को अपने निकट नहीं आने दे रही है। इस वजह से मेमना कमजोर हो रहा है।
सोशल मीडिया पर नवाब खाँ की बकरी के बच्चे की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे है। वीडियो में नजर आ रहा है, कि उसकी आँखें, इंसानों की तरह बिल्कुल एक दूसरे के अगल-बगल है और उनके आसपास काला घेरा बना हुआ है, जो किसी चश्मे जैसा प्रतीत हो रहा है। इसके साथ ही मेमने का चेहरा भी इंसानों की तरह दिखाई दे रहा है, और उसके सिर पर ढेरों सफेद बाल है।
दैनिक भास्कर को पशु चिकित्सक मानव सिंह ने जानकारी दी, कि सामान्य तौर पर ऐसे विकृत बच्चे को मोनिस्टर किड कहा जाता है, और मेडिकल की भाषा में इस बीमारी को हेड डिस्पेसिया कहा जाता है। 50 हजार में से 1 बार इस तरह के मामले सामने आते है। ऐसे मामले अधिकतर गाय-भैंस में देखे जाते है।
पशु चिकित्सक के अनुसार, अक्सर बकरियों में ऐसे मामले ना के बराबर सामने आते है। ऐसे विकृत बच्चे महज 1 सप्ताह से 15 दिनों तक ही जिंदा रह पाते है। उन्होंने कहा, कि इस बीमारी के मुख्यतः दो कारण माने जाते है, एक गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी और दूसरा गर्भावस्था में गलत या प्रतिबंधित दवाई का सेवन।