प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (19 जून 2024) को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्धघाटन किया। बता दें, कि नया परिसर नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन खंडहरों के निकट स्थित है, जिसे नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित किया गया है। आज सुबह नालंदा यूनिवर्सिटी पहुंचे पीएम मोदी ने सबसे पहले विश्वविद्यालय की प्राचीन धरोहर का अवलोकन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नए कैंपस में पहुंचे, जहां उन्होंने बौधि वृक्ष लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, “नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा उद्घोष है इस सत्य का, कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती।”
नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है।
नालंदा उद्घोष है इस सत्य का… कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं… लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/uXsWpp9C2F
— BJP (@BJP4India) June 19, 2024
पीएम मोदी ने कहा, “मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूँ। अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण। ये नया कैंपस, विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं,वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते है।”
बता दें, कि साल 2016 में नालंदा के खंडहरों को संयुक्त राष्ट्र विरासत स्थल घोषित किया गया था, इस घोषणा के बाद विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में आरंभ हुआ। इस नए कैंपस की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई है। इस अधिनियम में स्थापना के लिए 2007 में फिलीपींस में आयोजित दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय को लागू करने का प्रावधान किया गया था।
गौरतलब है, कि नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम के साथ ही इस प्राचीन विश्वविद्यालय के इतिहास पर भी चर्चा शुरू हो गई है। दुनिया के पहले आवासीय नालंदा विश्वविद्यालय का उल्लेख इतिहास की कई पुस्तकों में दर्ज है। गुप्त काल के शासन के दौरान पांचवी सदी में इसका निर्माण किया गया था। विश्वविद्यालय का महत्व भारत समेत सम्पूर्ण विश्व के लिए एक अनमोल विरासत है।