भू-धंसाव की चलते आपदा से प्रभावित चमोली जिले में स्थित प्राचीन जोशीमठ नगर को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनडीएमए की अंतरिम रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है, कि जोशीमठ के आपदाग्रस्त इलाके में कहां-कहां क्या-क्या कार्य किए जाने है।
एनडीएमए की अंतरिम रिपोर्ट में तात्कालिक तौर पर आपदा प्रभावितों का पुनर्वास और मध्यावधि योजना में पुनर्वास स्थलों में तेजी से कार्य और सरकारी व निजी भवनों में रेट्रोफिटिंग जैसे कार्य प्रस्तावित है। दीर्घकालीन योजना के अंतर्गत वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ नगर के उपचार समेत अन्य अहम प्रस्ताव प्रस्तावित किए जा सकते है। इसके मद्देनजर अब राज्य सरकार की निगाहें एनडीएमए से मिलने वाली रिपोर्ट पर टिकी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते शनिवार (18 फरवरी 2023) को बदरीनाथ हाईवे पर जेपी कॉलोनी से बीआरओ कार्यालय तक कई स्थानों पर नई दरारें उभर आई है। जोशीमठ में बदरीनाथ हाईवे पर दरारों के साथ गड्ढे उभरने का सिलसिला लगातार जारी है। आपदा प्रभावित जोशीमठ के भवनों में दरारे लगातार चौड़ी हो रही है।
मारवाड़ी तिराहे के पास और माउंट व्यू होटल के नीचे भवनों में लगातार दरारे पड़ रही है। इस स्थान पर दस से अधिक भवन पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो चुके है। प्रशासन पहले ही इन भवनों को खाली करवा चुका था। रिपोर्ट्स के अनुसार, जोशीमठ में भू-धंसाव और भवनों में दरारें पड़ने की वजहों की जांच में जुटी आठ संस्थानों को अब तीन माह में आपदाग्रस्त क्षेत्र का अध्ययन पूर्ण कर अंतिम रिपोर्ट सौंपनी है।
आंकड़ों के अध्ययन में लग रहे वक्त के मद्देनजर एनडीएमए ने इन संस्थानों के लिए यह समय -अवधि निर्धारित की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिक संस्थानों से अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद एनडीएमए इनका परीक्षण करेगा और फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंचकर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेगा।